मध्यप्रदेश: चित्रकूट में चुनावी मुकाबला चतुष्कोणीय, जीत के लिये तरस रही भाजपा
सतना। मध्यप्रदेश के सतना जिले की चित्रकूट विधानसभा की सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2008 के बाद से ही एक अदद जीत के लिये तरस रही है। इस बार मुकाबला चुतुष्कोणीय है। मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की सीमा से लगी चित्रकूट विधानसभा की सीट पर अभी कांग्रेस का कब्जा है। भगवान राम की तपोस्थली के रूप मे विख्यात चित्रकूट राष्ट्र ऋषि नाना जी देशमुख की कर्मस्थली भी रहा है।
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लेकिन बावजूद इसके भाजपा यहां दूसरी जीत के लिये तरसती रही है। यहाँ से भाजपा के सुरेंद्र सिंह गहरवार 2008 में पहली बार कांग्रेस के उम्मीदवार प्रेम सिंह को मामूली मतों के अंतर से हराकर विजयी हुये थे। वर्ष 2013 में चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रेम सिंह पुनः जीतने में कामयाब हो गये।
इसके बाद से यहां से भाजपा एक अदद जीत के लिये हाथ पांव मारती रही, लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली। यहॉँ से भाजपा ने सुरेंद्र सिंह गहरवार को मैदान में उतारा है। इस सीट पर वर्ष 1993 में बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के गणेश बारी ने विजय हालिस की थी। वर्ष 2008 के बाद से कांग्रेस ने इस सीट पर अपना कब्जा जमाया हुआ है।
इस बार कांग्रेस के वर्तमान विधायक निलांशु चतुर्वेदी के सामने जहाँ अपनी सीट बचाने की चुनौती है, वहीं भाजपा के सुरेंद्र सिंह गहरवार पर 2008 का प्रदर्शन दोहराने का दवाब है। भाजपा की डौली शर्मा जहाँ पार्टी से बगावत कर बसपा के झंडे तले चुनावी मैदान में हैं। वहीं पूर्व कांग्रेसी विधायक प्रेम सिंह के दामाद संजय सिंह कछवाह समाजवादी पार्टी (सपा) से उम्मीद्वार हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला चतुष्कोणीय है।
यहाँ जीत का सारा दारोमदार इलाके के आदिवासी मतदाताओं पर है। ब्राह्मण और आदिवासियों के समर्थन से अब तक कांग्रेस जीतती आई है। इस सीट पर मतदाताओं की संख्या 219381 है, जो 17 नवंबर को 16 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे।
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