हल्द्वानी: 20 नवंबर से Exam, अभी आधे ही भरे गए हैं Examination Form
हल्द्वानी, अमृत विचार। कुमाऊं विश्वविद्यालय में 20 नवंबर से परीक्षा शुरू होने के आसार हैं और परीक्षा आवेदन फार्म में गलतियों को लेकर छात्र-छात्राएं कॉलेज पहुंच रहे हैं। परीक्षा आवेदन फार्म भरने की 15 नवंबर अंतिम तिथि है और एमबीपीजी कॉलेज अभी तक 5400 विद्यार्थियों में से केवल 2800 विद्यार्थियों ने परीक्षा आवेदन फार्म भरा है।
स्नताक प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा 20 नवंबर से शुरू होने की बात चल रही है। परीक्षा देने से पूर्व हर विद्यार्थी को परीक्षा आवेदन फार्म भरना जरूरी है। पहले इसकी अंतिम तिथि 7 नवंबर निर्धारित की गई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 15 नवंबर कर दिया गया। एमबीपीजी कॉलेज में स्नातक प्रथम सेमेस्टर में 5400 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया था।
इनमें से अभी तक करीब 2800 विद्यार्थियों ने परीक्षा आवेदन फार्म भरा है। पिछले सात दिनों में परीक्षा आवेदन फार्म भरने वाले विद्यार्थियों की संख्या में उछाल आया है। 4 नवंबर तक केवल 145 विद्यार्थियों ने ही परीक्षा आवेदन फार्म भरा था। कॉलेज प्रबंधन से जानकारी मिली की समर्थ पोर्टल पर जाकर परीक्षा आवेदन फार्म को ऑनलाइन भरने की सुविधा दी गई है। प्रवेश प्रभारी डॉ. रोहित कांडपाल ने बताया कि परीक्षा आवेदन फार्म को सही समय पर विद्यार्थी भर लें।
विद्यार्थियों के लिए खोला गया है कॉलेज
हल्द्वानी। कॉलेज प्रबंधन के अनुसार समर्थ पोर्टल में रजिस्ट्रेशन के बाद जब प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो एनरॉलमेंट नंबर दी गई मेल आईडी में आता है। लेकिन कभी-कभी विद्यार्थी ऐसी मेल आईडी दे देते हैं, जिसका प्रयोग वह स्वयं नहीं करते हैं। ऐसे विद्यार्थी समर्थ के नोडल अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। ध्यान रहे कि परीक्षा आवेदन फार्म भरने के लिए इनरॉलमेंट नंबर का होना जरूरी है। परीक्षा आवेदन फार्म में किसी भी प्रकार की दिक्कत को दूर करने के लिए कॉलेज में विद्यार्थियों को अवकाश के दिनों में भी बुलाया गया है।
सभी विद्यार्थी परीक्षा आवेदन फार्म तय समय तक भर देंगे। जिससे उन्हें परीक्षा देने में कोई दिक्कत नहीं आए।-डॉ. एनएस बनकोटी, प्राचार्य, एमबीपीजी कॉलेज
प्रवेश के समय ही भरवा लेते परीक्षा आवेदन फार्म
हल्द्वानी। कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि प्रवेश के समय ही अगर विद्यार्थियों से परीक्षा आवेदन फार्म भरवा लिया गया होता तो ये दिक्कत नहीं आती। अब नवंबर में छात्र संघ चुनाव होने से भी पढ़ाई और अन्य प्रक्रियाएं बाधित रहीं और बाद में दिवाली के अवकाश पड़ गए।
