झांसी नगर निगम ने निरस्त किया मुक्तिधाम पर लगाया गया गृहकर नोटिस

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Published By Deepak Mishra
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झांसी। उत्तर प्रदेश में झांसी नगर क्षेत्र में स्थित मुक्तिधाम पर गृहकर नोटिस जारी किये जाने के बाद उठे बवाल के बाद नगर निगम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस नोटिस को शनिवार को निरस्त कर दिया। नगर निगम की ओर से जारी स्पष्टीकरण में बताया गया कि निगम की सर्वे टीम ने फ्रेश भवन के रूप में मुक्तिधाम भवन के विरूद्ध आईडी नं. 8010300370557124 छत पर कर सूची में दर्ज करते हुए करारोपण प्रस्तावित किया था, जिसमें विभागीय स्थलीय सत्यापन के बाद ही नोटिस जारी होना चाहिए, परन्तु लिपिकीय त्रुटि से डिमाण्ड नोटिस क्रमांक ए-7635 जारी किया गया, जिसे तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। 

उल्लेखनीय है कि नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 177 के अनुसार ऐसे भवन व भूमि जिस पर मृतकों के शवों का निस्तारण होता हो, ऐसे भवन जो सार्वजनिक उपासना व चैरिटी कार्यो के लिए प्रयुक्त होते हो, खेल के मैदान, उद्यान, स्टेडियम, इण्टमीडियट तक के ऐसे स्कूल जिनमें 50 रु. प्रतिछात्र प्रतिमाह से अधिक शुल्क न लिया जा रहा हो तथा संरक्षित स्मारक व ऐसे भवन जिनका वार्षिक मूल्य मात्र 360/- रू0 से अधिक न हो को, गृहकर से छूट प्रदान की गयी है।

मुख्य कर निर्धारण अधिकारी द्वारा कर विभाग के समस्त स्टाफ को निर्देश दिये गये कि धारा 177 के अन्तर्गत करमुक्त भवनों के विरूद्ध किसी भी प्रकार की डिमाण्ड नोटिस जारी न की जाये। जीआईएस सर्वे के दौरान प्रस्तुत की जाने वाली प्रस्तावित कर सूची में सूक्ष्मता से जांच कर कर मुक्त भवनों को अलग करने के बाद ही अवशेष सूची के सापेक्ष डिमाण्ड नोटिस/बिल जारी करने की कार्रवाई की जाये। जिम्मेदार कर्मचारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जा रही है। 

नगर आयुक्त सत्यप्रकाश ने कहा कि इस मामले में जारी नोटिस को निरस्त कर दिया गया है। निगम के संबंधित विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण ऐसा हुआ। उन्होंने मुक्तिधाम की दीवार पर नोटिसचस्पा करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई किये जाने की बात कही। 

गौरतलब है कि उन्नाव गेट मुक्तिधाम पर 90 हजार का गृहकर बकाया होने का नोटिस नगर निगम की ओर से न केवल जारी किया गया था बल्कि मौके पर दीवार पर चस्पा भी कर दिया गया था। नोटिस के साथ 15 दिन में बकाये का भुगतान नहीं किये जाने पर कुर्की की चेतावनी भी दी गयी थी, जिसके बाद मुक्ति धाम समिति और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन ने इसका जबरदस्त विरोध करते हुए इसे वापस लेने और माफी मांगने की बात कही थी। इस मामले में कई अन्य संगठनों के भी विरोध में आगे आने के बाद बढते दबाव के बीच नगर निगम ने इस नोटिस को निरस्त करने की कार्रवाई की है। 

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