Kanpur News: चयनित भूमि पर कब्जा लेने गई NHI टीम बैरंग लौटी, किसानों ने नारेबाजी कर किया हंगामा

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में चयनित भूमि पर कब्जा लेने गई एनएचएआई टीम बैरंग लौटी।

कानपुर में चयनित भूमि पर कब्जा लेने गई एनएचएआई टीम बैरंग लौटी। किसानों को चयनित भूमि का नहीं मुआवजा मिला था। इस पर किसानों ने नारेबाजी कर हंगामा किया।

कानपुर, अमृत विचार। रिंग रोड निर्माण के लिए बिधनू विकास खंड में चयनित भूमि का कब्जा लेने गई भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की टीम को मंगलवार को ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा। चयनित भूमि का नए सर्किल रेट के अनुसार मुआवजा न मिलने व फसल बर्बाद कर जबरन निर्माण कराने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने नारेबाजी शुरू कर दी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बिना किसी नोटिस के एनएचएआई ने समलतीकरण का कार्य शुरू कर दिया। ग्रामीणों के आक्रोश के बाद एनएचएआई की टीम को बैरंग लौटना पड़ा। 

93.20 किलोमीटर लंबी रिंग रोड परियोजना को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने चार पैकेज मंधना से सचेंडी, रमईपुर से आटा व आटा से मंधना तथा सचेंडी से रमईपुर में बांटा है। एनएचएआई पहले पैकेज मंधना से सचेंडी तथा पैकेजे चार सचेंडी से रमईपुर के लिए भूमि अधिग्रहण करने का लगभग 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है।

10 प्रतिशत मुआवजा वितरण का कार्य जारी है। पैकेज एक व चार की चयनित भूमि पर एनएचएआई ने समतलीकरण का कार्य शुरू कर दिया है।  मंगलवार को एनएचएआई के अधिकारी व कर्मचारियों ने बिधनू विकास खंड के मगरासा गांव में बैकहो लोडर से समतलीकरण का काम शुरू कर दिया। समतलीकरण का कार्य होता देख गांव के किसान विनोद सिंह, गंगाराम, ओमकार, विजयपाल साहू, सुरेश पासवान, दयाशंकर, श्रवण कुमार, जितेंद्र कुमार, विजय पाल साहू, बुधई यादव समेत सैकड़ों ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर हंगामा करते हुए काम रुकवा दिया।

किसानों ने एनएचएआई अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि अभी तक कुछ किसानों को ही नोटिस मिली है। वहीं अधिकांश किसानों को न तो जमीन खाली करने की नोटिस मिली और न ही मुआवजा की राशि दी गई। आरोप लगाया कि अधिग्रहित की जा रही भूमि पर नए सर्किल रेट के अनुसार मुआवजा वितरण करना चाहिए, लेकिन प्रशासन वर्ष 2014 के सर्किल रेट से मुआवजा वितरण कर रहा है।

इसके साथ ही प्लांट निर्माण कर कार्यदायी संस्था ने किसानों की फसल बर्बाद कर सड़क निर्माण करा दिया। किसानों का काम रूकवा कर जमकर नारेबाजी की, आक्रोश देख एनएचएआई की टीम बैरंग वापस लौट गई।  

पैकेज एक व चार के लिए चयनित भूमि के मुआवजे के लिए अधिसूचना जारी करने के बाद भी ग्रामीणों ने भू उपयोग परिवर्तन किया। एनएचएआई की ओर से कई बार भू उपयोग परिवर्तन न करने की चेतावनी भी दी गई, अधिक मुआवजे की मांग को लेकर कुछ ग्रामीण मुआवजा नहीं ले रहे है, जिस कारण कुछ जगहों पर रुकावटें सामने आ रही है। बातचीत कर समस्या का निस्तारण कराया जाएगा।- प्रशांत दुबे, परियोजना निदेश, एनएचएआई

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