बरेली: पुरानी जांचों का नहीं हिसाब...संविदा कर्मचारी की मौत पर फिर कमेटी गठित

Amrit Vichar Network
Published By Ashpreet
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बरेली, अमृत विचार। बिजली विभाग की लापरवाही से कई लोगों की जान जा चुकी है। हर मौत के बाद अधिकारी जांच का आदेश देकर भूल जाते हैं। जांच में कौन दोषी पाया गया और क्या कार्रवाई की गई, इसका पता नहीं चल सका है।

उसका आज तक पता नहीं लग सका। बिथरी चैनपुर में लाइन पर काम करते समय संविदा कर्मचारी की करंट लगने से मौत हो गई, जिसके बाद अधीक्षण अभियंता ने मौके पर जाना भी उचित नहीं समझा। अब जांच कमेटी गठित कर दी गई है।

शटडाउन के बाद लाइन में सप्लाई शुरू कर देने से बिथरी चैनपुर में पहली घटना नहीं है। इससे पहले जन्माष्टमी के मौके पर अलीगंज में शटडाउन के बाद भी लाइन चालू कर दी गई थी। जिसमें तीन संविदा कर्मचारी झुलस गए थे।

वहीं, चौकी चौराहे पर पिछले साल शटडाउन लेकर बिजली के पोल पर चढ़कर फाल्ट ठीक कर रहे संविदा कर्मचारी की भी करंट लगने से मौत हो गई थी। सब मामलों में अधिकारियों की तरफ से जांच कमेटी का गठन किया गया था, लेकिन किसी मामले में अभी तक जांच पूरी नहीं हो सकी है।

फाल्ट लोकेटर मशीन के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान हुए धमाके में तो वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बच गए थे। इस हादसे में जांच में दोषी पाए गए कर्मचारियों पर भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

कैलाश की मौत का जिम्मेदार कौन, आज तक नहीं लगा पता
चौकी चौराहे के पास पिछले साल बिजली के खंभे पर काम करते समय संविदा कर्मचारी कैलाश की करंट से मौत हो गई थी। वह शटडाउन लेकर काम करने पोल पर चढ़े थे। इसी बीच अचानक बिजली सप्लाई शुरू कर दी गई थी।

अधीक्षण अभियंता समेत पांच अधिकारियों पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। चीफ इंजीनियर की ओर से भी एसई ग्रामीण अशोक कुमार चौरसिया और एक्सईएन मुकेश कुमार को जांच सौंपी, लेकिन जांच पूरी ही नहीं हो सकी।आंवला के गांव बहोड़ा खेड़ा गांव के घरों में अचानक हाई वोल्टेज करंट आने से कई घरों में धमाके साथ बिजली के उपकरण फुंक गए थे।

करंट से एक युवक धर्मेंद्र सिंह की भी मौत हो गई थी। घटना में अलग-अलग घरों में कई लोग लोग झुलसे। गांव के लोगों ने गलत तार जोड़ने को हादसा होने का कारण बताया लेकिन जांच कमेटी ने चार्जर में करंट आने को मौत की वजह बता दी थी।

कैबिनेट मंत्री और डीएम के आदेश पर भी जांच पूरी नहीं
अलीगंज में जन्माष्टमी पर शोभायात्रा निकलने के दौरान बिजली सप्लाई को अचानक से जोड़ दिया गया था। जिसके बाद गुस्साए लोगों ने उपकेंद्र पर पथराव कर दिया था। कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह और तत्कालीन जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने जांच के आदेश दिए थे। इस मामले में अभी तक जांच पूरी नहीं हो सकी है।

एसएसओ की मानवीय चूक से हादसा होना लग रहा है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-अशोक कुमार चौरसिया, अधीक्षण अभियंता

संविदा कर्मचारी के परिजनों ने बिथरी चैनपुर थाने में दी तहरीर
बिथरी चैनपुर। लाइनमैन शेर सिंह की मौत के मामले में बेटे ने एक लाइनमैन और एसएसओ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। मनोज ने पुलिस को तहरीर में बताया कि शुक्रवार की पूर्वाह्न 11 बजे उनके पिता के पास सोनू पाठक लाइनमैन ने फोन करके कहा कि रसुइया में एफसीआई गोदाम के पास तार टूटा हुआ है उसे जोड़ दो।

जिसके बाद शेर सिंह तार ठीक करने चले गए थे। वहां जाकर उन्होंने भिन्डोलिया फीडर पर तैनात रमेशचंद सक्सेना एसएसओ फरीदपुर पॉवर हाउस ग्रामीण को फोन कर शटडाउन देने को कहा।

शटडाउन मिलने के बाद शेर सिंह तार ठीक करने लगे। इस दौरान एसएसओ रमेश चंद्र ने शेर सिंह से बिना बात किये 11 हजार वोल्टेज की लाइन लापरवाही से चालू कर दी। जिससे शेर सिंह की करंट के चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गयी। मनोज ने कहा कि उनके पिता का शव चार घंटे शव पोल पर ही लटका रहा।

मनोज ने एसएसओ रमेशचंद्र और लाइनमैन सोनू पाठक की नंबर की सीडीआर निकलवाकर कार्रवाई की मांग की है। इंस्पेक्टर संजय तोमर ने बताया मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

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