रामनगर: बाघ को पकड़ने मांग को लेकर ग्रामीणों ने किया ढेला झिरना पर्यटन ज़ोन बंद

रामनगर: बाघ को पकड़ने मांग को लेकर ग्रामीणों ने किया ढेला झिरना पर्यटन ज़ोन बंद

रामनगर, अमृत विचार। ढेला क्षेत्र में हमलावर बाघ को पकडने की मांग को  लेकर ग्रामीणों ने किया कॉर्बेट पार्क के ढेला-झिरना पर्यटन जोन को बंद कर दिया। इस बीच ग्रामीण और अधिकारियों के बीच  तीखी नोंक-झोंक भी हुई। बता दें कि तीन दिन पूर्व ग्राम कारगिल पटरानी निवासी 32 वर्षीय अनीता देवी को बाघ ने  मौत के घाट उतार दिया था।

घटना के बाद इस गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है । वही ग्रामीण जहां एक ओर अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं तो वहीं स्कूली बच्चे स्कूल जाने में भी डर रहे हैं।हालांकि कॉर्बेट प्रशासन द्वारा बच्चों को स्कूल लाने व  जाने की व्यवस्था की गई है, इसके अलावा भी कई ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली जानवरों के हमले को लेकर ग्रामीण काफी परेशान है।

अब तक  कई ग्रामीणों के पालतू मवेशी भी बाघ का शिकार हो चुके हैं ग्रामीणों की मांग है कि बाघ को आदमखोर घोषित कर उसे मारा जाए तथा मृत महिला के परिजनों को 25 लाख रुपए का मुआवजा देने के साथ ही जंगली जानवरों के हमले में घायलो का उपचार सरकार द्वारा कराया जाए।

इन्हीं मांगों को लेकर शनिवार को ग्रामीणों ने कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढेला- झिरना पर्यटन जॉन को बंद करते हुए प्रदर्शन किया।इस बीच ग्रामीणों व अधिकारियों के बीच तीखी नोंक झोंक भी देखने को मिली ।जानकारी मिलते ही सीटीआर के उपनिदेशक दिगंत नायक अन्य अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों से वार्ता की लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे।

उपनिदेशक दिगंत नायक ने ग्रामीणों से कहा  कहा कि हम बाघ के डीएनए की जांच करा कर टाइगर को चिन्हित कर रहे हैं। हैदराबाद से रिपोर्ट आने पर ही उसे आदमखोर घोषित करने का निर्णय लिया जाएगा। ग्रामीणों की मांगों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि वह केवल अधिकारी है। नीति बनाना विधायिका का का काम है। यदि आप नीति में कोई परिवर्तन  चाहते हैं तो आपको सरकार से बात करनी चाहिए।

उन्होंने आश्वासन दिया कि उनके स्तर से होने वाली मांगे शीघ्र पूरी की जाएंगी तथा अन्य मांगों को लेकर उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।  ग्रामीणों ने  मांगे पूरी न होने पर 14 दिसंबर को फिर से इन गेटों को बंद करने का ऐलान किया है।ग्रामीणों ने कहा कि सरकार का सक्षम प्रतिनिधि 13 दिसंबर तक  हमारी समस्याओं का समाधान करे। अन्यथा उग्र आंदोलन किया जाएगा।

आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए रविवार 10 दिसंबर को दिन में 12 बजे से बाघ के हमले में घायल अंकित के गांव ढेला बैराज पर  बैठक की जाएगी। इस दौरान ललित उप्रेती, किशोरी लाल, संजय मेहता, मुनीश कुमार,पीसी जोशी ,महेश जोशी, राजेन्द्र प्रशाद,सोबन सिंह, कुबेर गुसाईं, गणेश नेगी, ललित पांडे समेत काफी संख्या में महिलाएं भी मौजूद रहीं।