रामनगर: ग्रामीण 14 को फिर बंद करेंगे ढेला व झिरना पर्यटन जोन को बंद
रामनगर, अमृत विचार। रविवार को ढेला बैराज में बाघ के हमले में घायल अंकित के आवास पर आयोजित बैठक में ग्रामीणों ने हमलावर बाघ को न पकड़ने पर नाराजगी जताते हुए तो टूक ऐलान किया कि यदि 13 दिसंबर तक बाघ नहीं पकड़ा गया तो 14 दिसम्बर को फिर से कार्बेट के ढेला ओर झिरना रेंज को बंद किया जाएगा।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड में जंगली जानवरों के आतंक से जनता की जान जोखिम में आ गई है। सरकार ने हिंसक जानवरों के इलाज के लिए तो रेस्क्यू सेंटर बनाया है परंतु जंगली जानवरों से घायल व्यक्ति का इलाज करने के लिए सरकार तैयार नहीं है।
कहा कि 16 अक्टूबर 2006 को उत्तराखंड शासन की संयुक्त संघर्ष समिति के साथ हुई वार्ता में लिखित समझौता हुआ था कि जंगली जानवरों के हमले में घायल व्यक्ति का इलाज सरकार विशेष रूप से करवाएगी परंतु सरकार अब इस समझौते को मानने के लिए तैयार नहीं है। वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड जंगली जानवरों का प्रदेश बन गया है जहां पर इंसानों के जीवन की शर्त पर बाग गुलदार जैसे जानवरों को संरक्षित किया जा रहा है।
जिसे किसी भी शर्त पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हमने सरकार के समक्ष जंगली जानवरों से इंसानों मवेशियों फसलों की सुरक्षा, जंगली जानवरों के हमले में मृतक को 25 लाख व घायल को 10 लाख रुपए मुआवजा तथा संपूर्ण इलाज का खर्च का भुगतान आदि मांगें रखी हैं।
सरकार से आग्रह किया है कि वह 13 दिसंबर तक उनकी मांगों का समाधान करें परंतु सरकार जनता की मांगें सुनने के लिए तैयार नहीं है। इसी कारण मजबूरी में कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढेला ओर झिरना पर्यटन जोन बंद करने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान ललित उप्रेती, किशोरी लाल, मुनीष कुमार, ललिता रावत, पुष्पा, कौशल्या, मोहम्मद सफी, सूरज, ललित मोहन पांडे, सोबन सिंह समेत कई ग्रामीण मौजूद रहे।
