आजमगढ़ : बर्खास्त सिपाही समेत तीन का कोर्ट में आत्मसमर्पण

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Published By Jagat Mishra
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कपड़ा व्यापारी को अगवा कर फिरौती मांगने के मामले में थे नामजद

आजमगढ़, अमृत विचार। आजमगढ़ के कपड़ा कारोबारी इश्तियाक को अगवा कर फिरौती मांगने के मामले में फरार चल रहे बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव, हिस्ट्रीशीटर शेखर उर्फ चुन्नू और शेखर ने घटना के 17 दिन बाद शुक्रवार को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद जेल जाने के भय से आरोपी नेपाल भाग गए थे। हालांकि, हसनगंज थाने में तैनात दरोगा अनुराग द्विवेदी, हेड कांस्टेबिल यूसुफ अली और हिस्ट्रीशीटर नाजिम की गिरफ्तारी के बाद से बाकी तीन आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था।

गौरतलब है कि गत 2 दिसम्बर को आजमगढ़ के कपड़ा कारोबारी इश्तियाक का अपहरण कर निरालानगर के एक गेस्ट हाउस में बंधक बनाकर रखा गया था। अपहरणकर्ताओं ने उससे रुपये और गर्म कपड़े छीनने के बाद परिजनों से 1.20 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। जिसके बाद हसनगंज पुलिस ने थाने में तैनात दरोगा अनुराग द्विवेदी व हेड कांस्टेबिल यूसुफ अली और हिस्ट्रीशीटर नाजिम उर्फ नसीम की गिरफ्तारी की थी। एडीसीपी मध्य मनीषा सिंह के मुताबिक, पकड़े जाने के डर से आरोपी नेपाल भाग गए थे। हिस्ट्रीशीटर नाजिम की गिरफ्तारी के बाद यह सामने आया था कि आरोपियों ने नेपाल में ठिकाना बनाया है। 

हालांकि, सर्विलांस की मदद से पुलिस लगातार सिपाही धीरेंद्र यादव, हिस्ट्रीशीटर शेखर उर्फ चुन्नू और शेखर की लोकेशन ट्रेस कर रही थी। सूत्रों की मानें तो फरार आरोपी नेपाल में रह रहे परिचित की मदद से करीबियों के सम्पर्क में थे। एडीसीपी ने बताया कि सभी साथियों के पकड़े जाने के बाद फरार चल रहे बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव समेत तीन आरोपियों ने घटना के 17 दिन बाद कोर्ट में आत्मसमर्पण किया है।

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