मजबूरी : किसान सरकारी क्रय केंद्र के बजाय आढ़तियों को बेच रहे धान
सुल्तानपुर, अमृत विचार। जिले के धान क्रय केंद्रों पर सन्नाटा पसर गया है। खुले बाजार में केंद्रों से सौ रुपये अधिक दाम पर धान खरीदा जा रहा है। इस वजह से किसान क्रय केंद्रों पर धान बेचने के बजाय खुले बाजार उपज बेचना पसंद कर रहे हैं। खरीद केंद्रों पर 2183 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद हो रही है, जबकि खुले बाजार में 2,250 रुपये की दर से धान खरीदा जा रहा है।
जिले में किसानों का धान खरीदने के लिए 87 धान क्रय केंद्र खोले गए हैं। जिले को एक लाख 20 हजार मीट्रिक टन धान का लक्ष्य रखा गया था। अभी तक 67,137 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है, जो लक्ष्य का 50 प्रतिशत से अधिक है। अफसरों का दावा है कि फरवरी माह तक धान की खरीद होनी है, ऐसे में लक्ष्य आसानी से पूरा हो जाएगा।
अमहट में ही बनाए गए हैं 9 धान क्रय केंद्र
जिला मुख्यालय स्थित अमहट मंडी में खाद्य विभाग के 6 क्रय केंद्र, मंडी समिति का एक, एफसीआइ का एक, पीसीएफ का एक कुल मिलाकर 9 धान क्रय केंद्र बनाए गए हैं। जबकि, एक क्रय केंद्र को छोड़कर किसी भी क्रय केंद्र पर धान खरीद नहीं चल रही है। किसी क्रय केंद्र पर धान बेचने के लिए किसान नहीं है तो किसी क्रय केंद्र पर धान खरीद कर रखने की जगह नहीं है। ऐसे में अगर ठंड में अपना धान बेचना भी चाहे तो ख़रीद नही हों पा रही है।
निजी क्रय केंद्रों पर तेजी से बिक रहा धान
इन्हीं धान क्रय केंद्रों के बगल आढ़तियों द्वारा धान क्रय केंद्र खोला गया है। जिनमें धान बेचने की होड़ मची हुई है। इधर धान उतर रहा है वही दूसरी तरफ ट्रक में धान लोड हो भी रहा है। वही आढ़तियों द्वारा धान का नगद भुगतान भी दिया जा रहा है।
वर्जन -
कुछ धान क्रय केंद्रों पर खरीदा गया धान डंप हुआ है, जो भेजा जा रहा है। अभी समय है। लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा। - संजय पांडेय, डिप्टी आरएमओ सुलतानपुर
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