बदायूं: आलू और सरसों को पाला लगने का गहराया संकट
घने कोहरे के बीच पड़ रहे पाले से फसलों को होने वाले नुकसान की आशंका से किसान परेशान
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बदायूं, अमृत विचार: पिछले कई दिनों से भीषण ठंड के कारण लोग परेशान हैं। सुबह और शाम घना कोहरा होने तथा पाला पड़ने से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। तीन दिन से सूर्य के दर्शन नहीं हो रहे हैं। ऐसे मौसम की वजह से आलू और सरसों की खेती करने वाले किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं।
लगातार घने कोहरे के बीच पाले से फसलों को होने वाले नुकसान की आशंका को लेकर किसान परेशान हैं। जिले में इस बार करीब 27 हजार हेक्टेयर में आलू और 61300 हेक्टेयर भूमि पर सरसों की फसल किसानों द्वारा बोई गई है। सरसों पर माहू और आलू पर झुलसा रोग की आशंका बन गई है।
आलू की फसल पर अब पाले की परत जमी दिखने लगी है। खासकर आलू और सरसों की फसल में नुकसान को लेकर चिंता बढ़ गई है। पाले के नुकसान से बचाने के लिए किसानों ने फसलों की हल्की सिंचाई करनी शुरू कर दी है।
अभी खेतों में सेम, गोभी, आलू, मटर, लहसुन एवं बैंगन की फसलें खड़ी हैं। कई दिनों से सुबह और शाम पड़ रहे कोहरे और पाले की मार से सब्जी उत्पादक भी परेशान हो उठे हैं। कोहरा और पाले की वजह से सरसों की फसल में फफूंदी व आलू की फसल में झुलसा रोग लगने की संभावना बन गई है।
पाले से बचाव को कृषि विभाग दे रहा जानकारी
कृषि विभाग फसलों को कोहरे और पाला की मार से बचाने की जानकारी देने में लगे हैं। किसानों को फसल की सिंचाई, राख छिड़कने, फसल को ढंकने आदि के अलावा दवाओं के छिड़काव से परिचित करा रहे हैं। जगत ब्लॉक के गांव दौरी निवासी किसान राजाराम शाक्य, मलखान सिंह गांव रसूलपुर निवासी राजेश सिंह,
संजय सिंह, रूपकिशोर, सिमरिया निवासी जगदीश प्रसाद, सीताराम, सेवानाथ सिंह, रुपापुर निवासी रामप्रीत मौर्य, त्रिलोकी, बावट निवासी दुर्गविजय सिंह, जगवीर यादव एवं पप्पू सिंह आदि किसानों ने बताया कि कई दिनों से छाए घने कोहरे के चलते आलू तथा सरसों, मिर्ची व अन्य सब्जी की खेती पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
कोहरे से आलू की फसल को बचाने के लिए खेत में हल्की सिंचाई व खेत के बगल धुआं प्रतिदिन करें। आलू और सरसों की फसल पर पत्तियां झुलसती दिखें तो रासायनिक दवा का छिड़काव करें---डीके सिंह, जिला कृषि वैज्ञानिक।
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