नैनीताल: आवारा पशुओं को रहने के लिए की गई व्यवस्था का विस्तृत प्लान दे सरकार

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Published By Bhupesh Kanaujia
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विधि संवाददाता, नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट ने हल्द्वानी शहर सहित प्रदेश के अन्य राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गों पर आवारा पशुओं को छोड़े जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ में सोमवार को हुई सुनवाई में मंडलायुक्त दीपक रावत कोर्ट में पेश हुए।

सुनवाई के बाद कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि इस समस्या से निदान पाने के लिए  एक टोल फ्री व्हाट्सअप नंबर, ईमेल आईडी पूरे कुमाऊं डिवीजन में जारी करें ताकि आमजन इसमे अपनी शिकायत दर्ज कर सकें। अवारा पशुओं के रहने के लिए अभी तक क्या व्यवस्था की गई है। एक विस्तृत प्लान कोर्ट में पेश करें। मामले की अगली सुनवाई 11 जनवरी की तिथि नियत की है।

मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी अधिवक्ता डॉ. चंद्रशेखर जोशी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हल्द्वानी शहर सहित राज्य की व्यस्ततम सड़कों में आवारा गाय और बैलों के कारण कई दुर्घटनाएं हो रही है। इनके आपस मे लड़ने से एक युवक की सड़क दुर्घटना में मौत तक हो गई। यही नहीं इन पशुओं के कारण स्कूली बच्चों को स्कूल जाने में  देरी हो रही है। कई बार इनके आपसी झगड़े की वजह से सड़कों पर घंटों जाम रहता है।

आवारा पशुओं को सड़कों पर छोड़े जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने निकायों को कई बार दिशा निर्देश दिए हैं परन्तु अभी तक संबंधित निकायों ने उन निर्देशों का अनुपालन नहीं किया है। याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि राज्य की सड़कों पर से आवारा पशुओं को हटाया जाय। जनहित याचिका में यह भी शिकायत की गई कि संबंधित विभाग शिकायत करने पर उनके क्षेत्र से आवारा पशुओं को उठाकर शेल्टर में डालने के बजाय दूसरे क्षेत्र में छोड़ रहे हैं।

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