अमेठी: ब्लाक मुख्यालय के सरकारी आवास हो गए 'भुतहा'!, कर्मचारी यहां रहने में खाते हैं खौफ, ताला लगाकर भागे!, जानें मामला

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Published By Sachin Sharma
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अमेठी। ब्लाक मुख्यालय बहादुरपुर परिसर के सरकारी आवास अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। शाम ढलते ही ब्लाक मुख्यालय वीरान हो जाता है। आवास जर्जर होने के नाते ब्लाक कर्मचारी मुख्यालय पर रात्रि विश्राम नहीं करते हैं। शाम ढलते ही ब्लाक कार्मियों के जर्जर आवासों पर ताला लटकता नजर आता है। जनपद के आला आधिकारी यह बात जानते हुए भी अनजान बने हैं।

34 ग्राम पंचायतों के विकास की बागडोर संभालने वाला खंड विकास कार्यालय खुद ही बदहाली का शिकार है। 1960 में बहादुरपुर में सुल्तानपुर-रायबरेली नेशनल हाईवे पर ब्लाक बहादुरपुर की स्थापना हुई थी। 

सरकार ने करोड़ों रुपये की लागत से कर्मचारियों की सुविधा के लिए सरकारी आवास का निर्माण भी कराया गया था। ताकि ब्लाक कर्मचारी मुख्यालय पर ही रहकर जनता की सेवा करे सके। सरकार ने मुख्यालय पर रात्रि विश्राम का फरमान भी जारी कर रखा है। लेकिन आवास जर्जर होने से कर्मचारी रात्रि विश्राम नहीं करते है। आवासों के प्लास्टर टूटकर गिर चुके है।

अधिकारी भी शासन के निर्देशों का अनुपालन कराने में बेबस नजर आ रहे हैं। आधिकांश कर्मचारी गैर जनपदों से अपनी जिम्मेदारी निर्वाहन कर रहे हैं। यही कारण है कि समय से कार्यालय पहुंचना असंभव होता है। ब्लाक में समय से आये फारियादी इधर उधर भटकते रहते हैं। 

दिन भर गुलजार रहने वाला ब्लाक मुख्यालय शाम होने से पहले ही सुनसान एवं वीरान हो जाता है। क्षेत्र के जितेंद्र सिंह, सुरेश पटेल, धीरज सिंह, अजय सिंह, अनिल सिंह, का कहना है कि ब्लाक परिसर में बीडीओ सहित सभी छोटे बड़े कर्मचारियों के आवास बने हुए हैं, लेकिन उनमें कोई रहने वाला नहीं है।

वहीं इस मामले में बात करने पर बीडीओ बहादुरपुर विजयंत सिंह ने बताया कि जर्जर आवासों की रिपोर्ट शासन स्तर पर भेज दी गई है, भवन निष्प्रयोज्य है, जो भी आदेश शासन से मिलेगा उस पर अमल किया जाएगा।

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