दिव्यांग बच्चों ने सांकेतिक भाषा में गाया राष्ट्रगान, IIT Kanpur ने उठाया दिव्यांगों को सशक्त बनाने का बीड़ा

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Published By Nitesh Mishra
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आईआईटी कानपुर दिव्यांगों को सशक्त बनाने का बीड़ा उठाया।

आईआईटी कानपुर के सेल फॉर डिफरेंटली एबल्ड पर्सन (सीडीएपी) का रविवार को वार्षिक दिवस मनाया गया। इसमें दिव्यांग बच्चों ने सांकेतिक भाषा में दीप प्रज्जवलन के साथ राष्ट्रगान प्रस्तुत किया।

कानपुर, अमृत विचार। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के सेल फॉर डिफरेंटली एबल्ड पर्सन (सीडीएपी) का रविवार को वार्षिक दिवस मनाया गया। इसमें दिव्यांग बच्चों ने सांकेतिक भाषा में दीप प्रज्जवलन के साथ राष्ट्रगान प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में दिव्यांगों को सशक्त बनाने के लिए शोध कार्य को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग से जोड़ने पर जोर दिया गया। 

निदेशक प्रोफेसर एस गणेश ने परिसर में सीडीएपी के बदलते प्रभाव की जानकारी देकर दिव्यांगों का समावेश बढ़ाने के लिए व्यावहारिक समझ बढ़ाने पर जोर दिया। मुख्य अतिथि प्रो. अनुभा गोयल और दिव्यांग विकास सोसायटी की सचिव मनप्रीत कौर कालरा ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। रसायन विज्ञान विभाग के प्रो. सिद्धार्थ पाण्डा ने आंशिक नेत्रहीन और दृष्टिबाधित छात्रों को सशक्त बनाने के लिए डिजाइन की गई हैप्टिक स्मार्टवॉच, ब्रेल लर्निंग डिवाइस का प्रदर्शन किया।

कंप्यूटर और इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. आशुतोष मोदी ने सांकेतिक भाषा की समझ और व्याख्या बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर केंद्रित अपने प्रोजेक्ट की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन तकनीक में दृश्य भाषाओं की समझ और व्याख्या में उल्लेखनीय सुधार करने की क्षमता है।

मनप्रीत कौर ने दिव्यांगों के विकास के लिए शुरू की गई यात्रा के अनुभव साझा किए। बीते माह विकलांग दिवस पर उन्हें इसके लिए राष्ट्रपति पुरस्कार मिला था। डीपीएस कल्याणपुर की कक्षा दो की छात्रा सुप्रिया तिवारी ने कविता, आईआईटी की छात्रा लक्ष्मी अग्रवाल ने गीत और आम्बेडकर संस्थान के बच्चों ने नाटक व संगीत की प्रस्तुति दी। सीडीएपी समन्वयक प्रो. कौशिक भट्टाचार्य, प्रो. राजू कुमार गुप्ता, संदीप सिंह उपस्थित रहे।

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