पीलीभीत: पिता-पुत्र ने शिला पूजन कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर निभाई थी जिम्मेदारी, जानिए उन्हीं की जुबानी
माधोटांडा के श्री माधव मुकुंद महाराज ठाकुरद्वारा मंदिर में हुआ था शिला पूजन कार्यक्रम
पीलीभीत, अमृत विचार: सैकड़ों वर्षों के संघर्ष और बलिदान के बाद प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर अयोध्या में सज संवर रहा है। यहां 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को लेकर जहां राम भक्तों में खासा उत्साह है, वहीं जनपद के कस्बा माधोटांडा के पिता-पुत्र की जोड़ी भी राम मंदिर को लेकर 34 वर्ष पूर्व निभाए गए दायित्व का सपना पूरा होते देख गौरवान्वित महसूस कर रही है।
राम जन्म भूमि आंदोलन को लेकर जनपद के राम भक्तों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था। इसमें जिले के माधोटांडा कस्बे के लोगों के योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अपने योगदान के जरिए अयोध्या में राम मंदिर को सपना संजोने वाले कस्बावासी इस क्षण का बेसब्री से कर रहे हैं।
वर्ष 1989 में श्रीराम महायज्ञ समिति पश्चिमी उत्तर प्रदेश विश्व हिंदू परिषद के तत्वाधान में राम जन्म भूमि पर मंदिर निर्माण के लिए गांव-गांव शिला पूजन कार्यक्रम का आयोजन कराया गया था। माधोटांडा में होने वाले शिला पूजन की जिम्मेदारी माधोटांडा राजघराने के 85 वर्षीय कुंवर फतेह बहादुर सिंह को दी गई थी।
उन्होंने बताया कि 34 वर्ष पूर्व मंदिर निर्माण के लिए कस्बे के श्री माधव मुकुंद महाराज ठाकुरद्वारा मंदिर में शिलापूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम को लेकर मैनें अन्य सहयोगियों के साथ गांव-गांव भ्रमण किया। उस दौरान अयोध्या मंदिर निर्माण के लिए श्री राम जन्म भूमि न्यास द्वारा 1.25 रुपए से लेकर 10 रुपए तक की रसीदें काटकर लोगों से चंदा भी एकत्र किया गया था।
कस्बे के मंदिर में 16 अक्टूबर 1989 में हुए शिला पूजन कार्यक्रम में सैकड़ों की तादाद में लोगों ने हिस्सा लिया था। शिला पूजन कार्यक्रम में पांच से लेकर 11 ईंटों को भगवान श्री राम के नाम से अभिमंत्रित करने के साथ महायज्ञ का आयोजन किया गया।
शिला पूजन के बाद सभी शिलाओं को पूरनपुर के सरस्वती शिशु मंदिर में एकत्र किया गया। जहां से सभी अभिमंत्रित शिलाओं को अयोध्या भेजा गया था। अतीत के पलों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि उस समय शिला पूजन के कार्यक्रम की व्यवस्था विश्व हिंदू परिषद के द्वारा मुझे सौंपी गई थी। अब मेरा सपना पूरा हो रहा है और इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बनूंगा। इसको लेकर मेरे परिवार समेत पूरा कस्बा खासा उत्साहित है।
पिता के साथ पुत्र ने भी बखूबी निभाई भी जिम्मेदारी
शिलापूजन कार्यक्रम को लेकर कुंवर फतेहबहादुर सिं के पुत्र निर्भय सिंह ने भी बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभाई थी। उस दौरान इंटर के छात्र रहे निर्भय सिंह पिता के साथ साये की तरह साथ रहते थे। लोगों को राम जन्म भूमि के प्रति जागरुक करने के साथ चंदा एकत्र करने में खासा सहयोग देते थे। वर्तमान में निर्भय सिंह गोमती सेवक के रूप में मां गोमती उद्गम स्थल की सेवा में लगे हैं।
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