शाहजहांपुर: उल्लास...राममय हो गई शहीदों की नगरी, शाम होते ही जगमग हुआ शहर
मुख्य मार्ग से लेकर गली-कूंचों तक गूंज रहे प्रभु राम के भजन
शाहजहांपुर, अमृत विचार। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर शहीदों की नगरी खासी उत्साहित दिख रही है। एक दिन पहले तक शहीदों की नगरी पूरी तरह राममय हो चुकी है। मंदिरों में श्री राम चरित मानस के पाठ चल रहे हैं। घरों में भी महिलाएं सुंदर कांड के पाठ कर रही हैं। मुख्य मार्गों और गलियों में रामनाम संकीर्तन तथा भजनों की गूंज सुनाई दे रही है। हर ओर उल्लास का वातावरण बन चुका है। पूरा शहर बिजली की रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा रहा है।

सजा दो घर को गुलशन सा मेरे श्रीराम आए हैं, राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी जैसे गीत पूरे शहर में गूंज रहे हैं। बाजार से लेकर गली-मोहल्लों तक इन भजनों के स्वर सुनाई दे रहे हैं। लोगों ने स्पीकर घरों की छतों पर रख लिए हैं, साथ ही बाजार में बिजली के खंभों पर स्पीकर लगा दिए गए हैं, जिन पर रामनाम की धुन और कर्णप्रिय भजन सुने जा सकते हैं। पूजा सामग्री की दुकानें रविवार को पूरे दिन ग्राहकों से भरी रहीं। लोगों ने पूजन सामग्री के साथ रामनामी झंडे और हनुमान, राम के चित्रों वाली झंडियां खरीदकर घरों को सजा लिया है। दुकानों के बाहर और घर की छतों पर केसरिया झंडे लगा दिए गए हैं। दुकानदारों का कहना हैकि इस समय भोजन तो दूर चाय-नाश्ता करने का भी समय नहीं है। अधिकांश स्टाक खत्म हो चुका है।
जगह-जगह मिट्टी दीपक बिक रहे हैं। यह अलग बात है कि मौसम ने कुंभकारों को चाक चलाने का अवसर ही नहीं दिया। धूप नहीं निकलने से कुंभकारों ने चाक नहीं चलाए और इस कारण दीए नहीं बन सके। कुंभकारों का कहना था कि चूंकि दीपक महीन यानि पतले बनाए जाते हैं, जो बिना धूप के बैठ जाते हैं और पकने योग्य नहीं रह पाते। जो दीपक दिवाली से बच गए थे, वही दीपक रामोत्सव में काम आ गए। लोगों की डिमांड को देखाते हुए दिवाली पर 75 रुपए सैकड़ा बिकने वाला दीया रामोत्सव में 100 रुपए सैकड़ा बिक रहा है। दीपकों की कमी को लोग मोमबत्ती से पूरा कर रहे है।

रामोत्सव ने महकाया फूलों का कारोबार
शाहजहांपुर। सोमवार को मनाए जाने वाले रामोत्सव के लिए इन दिनों फूलों का कारोबार भी खूब महक रहा है। सहालग की प्रतीक्षा में बैठे फूलों के कारोबारियों का कहना है कि रामजी ने उनकी तो खूब सुनी। दिवाली या चुनाव के बाद ये पहला अवसर है, जब इतना कारोबार चल पड़ा है। लखनऊ में गुलाब और गेंदा का फूल नहीं मिल पाया तो दिल्ली से मंगाना पड़ा। श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सभी छोटे-बड़े मंदिर सजाए जा रहे हैं, इसलिए फूलों की मांग बहुत बढ़ गई है। दुकानदार ही नहीं, हनुमत धाम सजाने के लिए भी करीब दो कुंटल फूल दिल्ली से मंगाए गए हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि फूलों का कारोबार कितना महक रहा होगा। एक अनुमान के मुताबिक जिले में 200 कुंटल के आसपास फूलों की खपत हो चुकी है। यानि 30 लाख रुपए का कारोबार हो चुका है। फूलों की मांग को देखते हुए 15 हजार रुपये क्विंटल वाला गेंदा 18 से 20 हजार रुपये क्विंटल बिक रहा है।
आकर्षण का केन्द्र बना श्रीराम जानकी मंदिर
शाहजहांपुर, अमृत विचार। एक बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार कुंवर जितेंद्र प्रसाद के समर्थन में बड़े चौक में सजावट की गई थी। सजावट इतनी भव्य थी कि उसका बीबीसी के प्रसारण में जिक्र किया गया था। मुख्य मार्ग के दोनों ओर तिरंगा ट्यूब लाइट, सड़क का पार करते हुए बिजली की झालरें, वंदनवार, बैनर आदि से पूरा क्षेत्र दुल्हन की तरह सजाया गया था। रामोत्सव की सजावट ने एक बार फिर से उस सजावट की याद ताजा कर दी। चौक में भरत मिलाप होने वाले स्थल से लेकर आसपास करीब एक किलोमीटर में जबरदस्त सजावट की गई है।
झंडियों और केसरिया झंडों के साथ बिजली के बल्ब भी सजावट में उपयोग में लाए गए हैं। रात को यह सजावट देखते ही बनती है। वहीं, श्रीराम जानकी मंदिर को ऐतिहासिक रूप से सजाया गया है। राकेश मेहरोत्रा, प्रदीप मेहरोत्रा आदि ने मंदिर को जगमगा रखा है। मंदिर के महंत सुशील अवस्थी ने बताया कि रविवार को मंदिर में दो कन्याओं का आदर्श विवाह भी कराया जा रहा है। इस क्षेत्र में दुकानें भी बिजली की लाइटों से झिलमिला रही हैं। इसके अलावा शहर के छोटे-बड़े सभी मंदिरों में फूलों की सजावट की गई है।
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