लखनऊ, कन्नौज, इटावा और वाराणसी में मिलिट्री स्कूल खोले जाने चाहिए : अखिलेश यादव
लखनऊ, अमृत विचार : सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लखनऊ में 1962 के भारत&चीन युद्ध में रेजांग ला पोस्ट पर अद्भुत वीरता दिखाने वाले कुमायूं रेजीमेंट के सैनिकों और उत्तर प्रदेश के पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया। कैप्टन रामचन्द्र यादव, हवलदार नेहाल सिंह, गजेन्द्र सिंह सहित 13 कुमायूं रेजीमेंट तथा यूपी के एक्स सर्विसमैन को सम्मान किया। उन्होंने उप्र. में मिलिट्री स्कूल की जरूरत बतायी।
सपा प्रमुख शनिवार को पार्टी मुख्यालय में सैनिकों को सम्मानित करने के बाद संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अहीर रेजीमेंट के गठन की मांग दोहराई और कहा कि यदि अन्य समाज भी अपनी रेजीमेंट की मांग करें तो उस पर भी विचार होना चाहिए। कहा कि देश में पांच मिलिट्री स्कूल हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में एक भी नहीं है। लखनऊ, कन्नौज, इटावा और वाराणसी में मिलिट्री स्कूल खोले जाने चाहिए। अखिलेश यादव ने 1962 की जंग में शहीद और जीवित बचे सैनिकों की वीरता को नमन करते हुए कहा कि इन्हीं जवानों की वजह से देश की सीमाएं सुरक्षित रहीं। रेजांग ला की लड़ाई भारतीय सेना के शौर्य और बलिदान का अद्वितीय उदाहरण है, जिस पर देश को गर्व है।
इस अवसर पर सभागार में ‘120 बहादुर’ फिल्म का प्रोमो भी दिखाया गया, जिसमें रेजांग ला की ऐतिहासिक लड़ाई का सजीव चित्रण किया गया। फिल्म देखने के बाद युद्ध में जीवित बचे कैप्टन रामचन्द्र यादव भावुक हो गए। उन्होंने सम्मान के लिए आभार जताते हुए कहा कि अगर जीवन देश के काम आ जाए तो इससे बड़ा सौभाग्य कुछ नहीं। बताया कि उनका पूरा परिवार सेना से जुड़ा है।
