PHOTOS: कहीं से मिला ताला, तो कहीं से आई रामायण...राम मंदिर के लिए राम भक्तों ने दिए उपहार
अयोध्या। भगवान राम विराजमान हो चुके हैं। राम भगवान की पहली अलौकिक झलक भी सामने आ चुकी है। उनके दिव्य दर्शन कर सभी राम भक्त उत्साहित हैं। लेकिन जो चर्चा और सुर्खियों का विषय बना हुआ है...अलीगढ़ से आया 400 किलो का ताला और दुनिया की सबसे महंगी रामायण। ऐसे में जानिए हमारे आराध्य प्रभु श्री राम के लिए अब तक क्या-क्या अयोध्या पहुंचा है।
अलीगढ़ से आया 400 किलो का ताला
अलीगढ़ शहर अपने तालों के लिए पूरे देश में मशहूर है। ऐसे में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले अलीगढ़ में राम मंदिर के लिए तैयार किया गया 400 किलो वजनी ताला अयोध्या पहुंच गया है। यह ताला 6 महीने में बनकर तैयार हुआ. यह ताला दो साल पहले अलीगढ़ के नौरंगाबाद निवासी बुजुर्ग दंपत्ति सत्य प्रकाश शर्मा और उनकी पत्नी रुक्मिणी शर्मा ने बनाया था। सत्य प्रकाश शर्मा का हाल ही में निधन हो गया। उनकी इच्छा थी कि यह ताला अयोध्या राम मंदिर को भेंट कर दिया जाए।
अयोध्या पहुंची दुनिया की सबसे महंगी रामायण
बतादें कि दुनिया की सबसे महंगी रामायण में से एक रामायण भी अयोध्या पहुंच गई है। पुस्तक की कीमत एक लाख पैंसठ हजार रुपए बताई जा रही है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में भाग लेने के लिए रामायण के साथ अयोध्या पहुंचे पुस्तक विक्रेता मनोज सती ने एएनआई को बताया कि हम अपनी खूबसूरत रामायण के साथ यहां अयोध्या लेकर पहुंचे हैं। इसमें बहुत सारे गुण हैं और यह दुनिया की सबसे महंगा रामायण है।
1100 किलो का दीपक पहुंचा अयोध्या
गुजरात से 1100 किलो का दीपक अयोध्या राम मंदिर पहुंच गया है। दीये में 501 किलो घी डालकर इसे प्रज्जवलित किया जाएगा, जिसके बाद यह एक महीने से ज्यादा समय तक जलेगा। इस दीपक को गुजरात के वडोदरा के रहने वाले रामभक्त अरविंद भाई पटेल ने बनावाया है, जो पेशे से किसान हैं। दीपक को सात जनवरी को मिनी ट्रक में रखकर अयोध्या के लिए रवाना किया गया था।
छत्तीसगढ़ से आएं 'मीठे बेर'
देशभर से लोग भगवान राम के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त करने के लिए योगदान दे रहे हैं। ऐसे में भगवान राम के ननिहाल यानी छत्तीसगढ़ से रामभक्त 'मीठे बेर' लेकर आए हैं। राम जन्मभूमि ट्रस्ट को फल सौंपने के लिए 17 भक्तों का एक समूह अयोध्या पहुंचा, जो कि छत्तीसगढ़ के चांपा जिले के शिवरीनारायण से 'मीठे बेर' लेकर आए।
विशेष प्रकार का पौधा भी आया
अयोध्या मीठे बेर के साथ रामभक्तों की टोली एक विशेष प्रकार का पौधा भी साथ लेकर आईं, जो सिर्फ शिवरीनारायण में पाया जाता है। पेड़ की पत्तियां कटोरे के आकार की होती हैं। ऐसा माना जाता है कि माता शबरी ने भगवान राम को इन्हीं में बेर खिलाए थे।
एक लाख श्रीवारी लड्डू प्रसाद भी आएगा अयोध्या
इस बीच तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के संयुक्त कार्यकारी अधिकारी वीरब्रह्मम ने कहा कि राम मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने वाले भक्तों को वितरित करने के लिए तैयार श्रीवारी लड्डू प्रसाद को शुक्रवार रात श्रीवारी सेवा सदन-1 से तिरुपति हवाई अड्डे के लिए भेज दिया गया है।
1265 किलो का लड्डू प्रसाद
इसके अलावा भक्ति का एक उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए हैदराबाद में श्री राम कैटरिंग सर्विसेज के मालिक नागभूषणम रेड्डी ने विशाल लड्डू प्रसाद तैयार किया। राम मंदिर के लिए 1,265 किलोग्राम का लड्डू बनाया है।
अन्य उपहारों में 108 फुट की अगरबत्ती, 2100 किलोग्राम की घंटी, 1,100 किलोग्राम वजन का एक विशाल दीपक, सोने के जूते और एक घड़ी शामिल है जो एक साथ आठ देशों का समय बताती है। नेपाल के जनकपुर में देवी सीता की जन्मस्थली से भी 3,000 से अधिक उपहार आए हैं। श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल रामायण में वर्णित उद्यान अशोक वाटिका से एक विशेष उपहार लेकर आया है।
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