पीलीभीत: बाघ हमले के शिकार लापता ग्रामीण का मिला अधखाया शव, मचा कोहराम

पीलीभीत: बाघ हमले के शिकार लापता ग्रामीण का मिला अधखाया शव, मचा कोहराम

पीलीभीत, अमृत विचार। बाघ हमले का शिकार हुए लापता ग्रामीण का अधखाया शव पांच घंटे तक चली कॉबिंग के बाद बरामद हो गया। शव घटनास्थल से करीब डेढ़ किमी दूर गन्ने के खेत में पाया गया। शव मिलते ही मौके पर जमा ग्रामीणों की भीड़ आक्रोशित हो उठी। 

ग्रामीणों ने रेंज के वनकर्मियों पर तमाम आरोप लगाते ही उन्हें हटाने की भी मांग की। बाद में ग्रामीण मृतक आश्रितों को पांच लाख का मुआवजा दिलाने और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिलाने की मांग प अड़ गए। वन अफसरों ने मौके की नजाकत को देखते हुए मुआवजा दिलाने की लिखित आश्वासन दिया, तब कहीं जाकर मामला शांत हो सका।

कलीनगर तहसील क्षेत्र के गांव जमुनियां निवासी सियाराम का 37 वर्षीय पुत्र गंगाराम सोमवार सुबह गांव के अन्य तीन युवकों के साथ पीटीआर की माला रेंज की मथना बीट में काम करने गया था। दोपहर के वक्त काम करने के दौरान एक बाघ ने गंगाराम पर हमला कर दिया और उसे खींचता हुआ जंगल में लेकर चला गया। बाघ हमला देख साथ में काम रहे अन्य ग्रामीण भाग खड़े हुए और इसकी जानकारी वन चौकी के अलावा गांव के ग्रामीणों को दी। सूचना मिलते ही गांव वाले मौके पर जा पहुंचे। मौके पर पहुंचे वन अफसरों ने घटना की जानकारी उच्चाधकारियों को दी। 

पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल भी मौके पर पहुंचे और सर्च ऑपरेशन चलाने के निर्देश दिए। वनकर्मियों ने ग्रामीणों की मदद से घटना और उसके आसपास के करीब एक किमी के दायरे में कॉबिंग की, लेकिन देर शाम तक गंगाराम का सुराग नहीं लग सका था। इधर मंगलवार सुबह होते ही जंगल सीमा पर जमुनियां गांव के ग्रामीणों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। 

आक्रोशित भीड़ कहीं कोई बवाल न शुरू कर दें, आशंका के चलते पुलिस फोर्स भी मौके पर पहुंच चुका था। सुबह करीब छह बजे उप प्रभागीय वनाधिकारी मयंक पांडेय के नेतृत्व में दोबारा सर्च ऑपेशन शुरू किया गया। उप प्रभागीय वनाधिकारी एवं महोफ रेंज के क्षेत्रीय वन क्षेत्राधिकारी सहेंद्र यादव के नेतृत्व में वन कर्मियों की टीमों ने ग्रामीणों और पुलिस के सहयोग से जंगल में कॉबिंग शुरू की। 

घटनास्थल के आसपास सर्च करने के बाद टीमों को बंटकर आसपास क्षेत्र में कॉबिंग करने के निर्देश दिए गए। करीब दो किमी के दायरे में सघन तलाशी की गई। करीब पांच घंटे के बाद गंगाराम का अधखाया शव जंगल सीमा से सटे बलराज सिंह के गन्ने में मिला। शव घटना स्थल से करीब डेढ़ किमी दूर पाया गया। सूचना मिलते ही ग्रामीणों की भीड़ मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

सूर्या और भीम के सहारे हुई खोजबीन
माला रेंज की मथना बीट में चलाए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान पीटीआर के सूर्या और भीम नाम के दो हाथियों की मदद ली गई। जंगल की बीहड़ इलाका होने के चलते दो रेस्क्यू ट्रैक्टर भी मंगा लिए गए थे। दोनों हाथियों एवं रेस्क्यू ट्रैक्टरों पर सवार वनकर्मियों ने रेंज के बीहड़ इलाके के चप्पे-चप्पे पर सघन तलाशी अभियान चलाया।

शव मिलते ही आक्रोशित हुए ग्रामीण, आश्वासन पर हुए शांत
गंगाराम का शव गन्ने के खेत में मिलने की जानकारी लगते ही ग्रामीणों की भीड़ मौके पर जा पहुंची। शव देखते ही ग्रामीण आक्रोशित हो उठे। ग्रामीणों का कहना था कि रेंज में तैनात एक सेक्शन इंचार्ज लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर जंगल में काम करने के नाम पर उन्हें मौत के मुंह में धकेल रहा हैं और कई सालों से एक ही रेंज में जमा हुआ है। उसे तत्काल हटाया जाए। 

इसके बाद ग्रामीण मृतक आश्रितों को पांच लाख रुपए मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिलाने की मांग पर अड़ गए। स्थिति नियंत्रण से बाहर होती, इससे पहले ही उपप्रभागीय वनाधिकारी ने ग्रामीणों को मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया अमल में लाने और मृतक के अंतिम संस्कार के लिए 20 हजार रुपए देने का लिखित आश्वासन दिया, तब कहीं जाकर मामला शांत हो सका।

तहसीलदार ने पट्टा दिलाने का दिया आश्वासन
ग्रामीण का शव बरामद होने की सूचना पर तहसीलदार वीरेंद्र सिंह भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने मृतक परिजनों को ढांढस बंधाने के साथ मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया। कहा कि मृतक आश्रितों को गांव में ग्राम पंचायत की खाली पड़ी जमीन को तलाश कर पट्टा दिलाने का भी प्रयास किया जाएगा।

शव देखते बिलख पड़े  परिजन
गंगाराम का शव मिलने की खबर सुनते परिजन भी मौके पर पहुंच गए। शव को देखकर गंगाराम की पत्नी सरस्वती और तीन बच्चे बिलख पड़े। कुछ ही देर बाद सरस्वती बेहोश हो गई। यह दृश्य देखकर हर किसी की आंख नम हो गई। बाद में सभी परिजनों को पुलिस की गाड़ी से घर भिजवाया गया।

घटनास्थल पर लगाए गए चार ट्रैप कैमरे
घटनास्थल पर हमला करने वाले बाघ की पहचान और उसकी गतिविधियों पर निगाह रखने के लिए चार ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही वन अफसरों ने जंगल सीमा से सटे ग्रामीणों से जंगल में न घुसने की भी अपील की।

लापता ग्रामीण की तलाश को लेकर सुबह छह बजे से सर्च ऑपरेशन चलाया गया। मथना वन क्षेत्र के निकट ग्रामीण का शव मिला है। शव को देखकर प्रतीत हो रहा है कि बाघ हमले में ग्रामीण की मौत हुई है। मृतक आश्रितों को मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। - नवीन खंडेलवाल, डिप्टी डायरेक्टर, पीटीआर

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