अंबेडकरनगर: डीएम ने जिला अस्पताल की परखी हकीकत, 15 डॉक्टर मिले अनुपस्थित, बेड पर बिछी मिलीं फटी चादरें

अंबेडकरनगर: डीएम ने जिला अस्पताल की परखी हकीकत, 15 डॉक्टर मिले अनुपस्थित, बेड पर बिछी मिलीं फटी चादरें

अंबेडकरनगर। जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने मुख्य विकास अधिकारी अनुराज जैन सहित जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ महात्मा ज्योतिबा फुले संयुक्त जिला चिकित्सालय अकबरपुर और मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों को अलग-अलग पटलों का निरीक्षण करने के लिए निर्देशित किया। जिसमें सभी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अपनी निरीक्षण की रिपोर्ट प्रेषित की गई है।

जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी की उपस्थिति में स्वयं पर्ची काउंटर, दवा वितरण काउंटर, एक्स-रे कक्ष, सीटी स्कैन कक्ष, रैन बसेरा और डॉक्टरों के ओपीडी कक्ष का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मौके पर पर्ची काउंटर में कुल 342 ओपीडी मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया हुआ पाया गया। वहीं 66 मरीज का एक्स-रे व 34 मरीज का अल्ट्रासाउंड, 55 मरीज का डिजिटल एक्स-रे, 17 मरीज का सीटी स्कैन किया गया पाया गया।

जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में डैम कक्ष सहित अन्य पटल का निरीक्षण किया। डैम ने बताया कि आशा बहुओं का माह दिसंबर तक भुगतान किया जा चुका है। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने सभी पटलों पर उपस्थित डॉक्टर व कर्मचारियों से संबंधित कार्यालय के बारे में जानकारी ली। वहीं सभी पटलों पर उपस्थित मरीज और परिजनों से मिलने वाली सुविधाओं व दवाओं के बारे में भी जानकारी लिया। 

ब्लड बैंक में मिला सिर्फ 20 यूनिट ब्लड

अपर जिलाधिकारी डॉ. सदानंद गुप्ता ने ब्लड बैंक, आयुष कक्ष, पैथोलॉजी सहित अन्य कक्षों का निरीक्षण किया। ब्लड बैंक में केवल 20 यूनिट ब्लड उपलब्ध पाया गया। जिस पर अपर जिलाधिकारी ने कड़ी चेतावनी देते हुए निर्देश दिए कि कम से कम 100 यूनिट ब्लड हमेशा उपलब्ध रहे। वहीं आयुष कक्ष के निरीक्षण में यूनानी और आयुर्वेद की कोई दवा उपलब्ध नहीं पाई गई। निरीक्षण में होम्योपैथिक दवाएं उपलब्ध थी। दवा की उपलब्धता न होने पर अपर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त किया और दवा की उपलब्धता अभिलंब करने के लिए निर्देशित किया।

इमरजेंसी में साफ-सफाई व्यवस्था बदहाल 

पैथोलॉजी के निरीक्षण के दौरान लिपिड प्रोफाइल में ब्लड में कैल्शियम का लेवल थायराइड व अन्य कई छोटी जांच नहीं हो रही थी। इसे सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया। इमरजेंसी वार्ड में  में बुधवार को चार लोगों को एडमिट किया गया। वहां पर साफ -सफाई व्यवस्था ठीक नहीं पाई गई। जिस पर संबंधित को साफ -सफाई के लिए निर्देशित किया गया। फार्मेसी में निरीक्षण के दौरान कुछ मरीजों को एक-दो दवा बाहर से लिखा हुआ पाया गया। जिस पर अपर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जाहिर की गई और दवाओं की उपलब्धता के लिए निर्देशित किया गया। उन्होंने परिसर को साफ सुथरा करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। 

अधिकारियों ने वार्डों का किया निरीक्षण

जिला विकास अधिकारी सुनील तिवारी ने डायलिसिस कक्ष और एसएनसीयू कक्ष का निरीक्षण किया। मौके पर कोई अनुपस्थित नहीं पाया गया और न ही कोई कमी पाई गई। डीसी मनरेगा द्वारा इमरजेंसी वार्ड का निरीक्षण किया गया। मौके पर साफ -सफाई व्यवस्थाएं ठीक नहीं पाई गई। सहायक आयुक्त खाद्य द्वितीय द्वारा समस्त वार्डों का निरीक्षण किया गया। मरीजों ने बताया कि प्रतिदिन नाश्ता, दोपहर और रात्रि का भोजन निशुल्क और पर्याप्त मिल रहा है। वार्डों की साफ-सफाई व्यवस्था संतोषजनक पाई गई। वार्ड नंबर 2 व 4 के 2 बेडों पर फटी हुई चादरे बिछी थी। जिसे तत्काल बदलने के लिए वार्ड इंचार्ज को निर्देशित किया।

निरीक्षण में यह मिले अनुपस्थित 

परियोजना निदेशक दिलीप सोनकर ने मरीजों का पंजीकरण और चिकित्सकों की उपस्थिति का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान मौके पर 14 चिकित्सक डॉ. प्रिया मौर्या, डॉ. शालू मिश्रा, डॉ. लता चौधरी, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. राजेश यादव, डॉ. रीना राजभर, डॉ. विवेक पटेल, डॉ मुकेश, डॉ. सुरेंद्र कुमार, डॉ. रवि विक्रम, डॉ. सुमित तिवारी, डॉ. यू रहमान, डॉ. रागिनी सिंह और डॉ. विपिन वर्मा अनुपस्थित पाए गए। खंड विकास अधिकारी भियांव अंजली भारती ने मेटरनिटी वार्ड का निरीक्षण किया। जिसमें ओपीडी कक्ष में डॉ. भानुमति वर्मा अनुपस्थित पाई गई। वहां पर बेसिन टूटा हुआ पाया गया और साफ-सफाई व्यवस्था भी संतोषजनक नहीं पाया गया। जिसपर उन्होंने कड़ी नाराजगी व्यक्त किया। 

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