हल्द्वानी: बनभूलपुरा प्रकरण - नैनीताल-बरेली रोड पार दंगे करने की भी बनी थी योजना

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Published By Bhupesh Kanaujia
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हल्द्वानी, अमृत विचार। जैसे-जैसे पुलिस जांच आगे बढ़ रही है, दंगाइयों की पूरी योजना सामने आ रही है। दंगाइयों ने हजारों की भीड़ इकट्ठा कर ली थी। वो समझ चुके थे कि मलिक का बगीचा में उन्हें रोकने के लिए पर्याप्त फोर्स नहीं है। इसलिए धर्मस्थल ढहाए जाने के बाद वह नैनीताल और बरेली रोड पार करके दंगे के भी योजना बना रहे थे। हालांकि वह अपनी योजना में कामयाब नहीं हो पाए।

आठ फरवरी को पहले तो दंगाइयों ने हजारों की भीड़ इकट्ठी कर ली। पुलिस जांच में प्रारंभिक तौर पर ही सामने आया है कि करीब 6 हजार लोग दंगा करने में शामिल थे। माना जा रहा है कि जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, दंगाइयों की संख्या में और बढ़ोत्तरी होगी। सभी दंगाइयों ने पूरा जोर मलिक का बगीचा की तरफ पथराव करने, पेट्रोल बम और पत्थर फेंकने में लगा दिया। उनको लग रहा था कि सरकारी अमला दंगे के भय से बिना धार्मिक स्थल ढहाए ही चला जाएगा लेकिन एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा के आदेश के बाद कार्रवाई जारी रही।

जब दंगाइयों को पता चला कि धर्मस्थल ढहाने के बाद टीम वापस जा रही है तो उन पर जानलेवा हमले किए गए। जब पुलिस, प्रशासन, नगर निगम की टीम के साथ पत्रकार वहां से चले गए तो दंगाइयों ने अपना रुख शहर की ओर किया। पहले वह गांधीनगर के रास्ते से शहर में घुसने की कोशिश करने लगे लेकिन वहां गांधीनगर के लोगों ने दंगाइयों का जमकर विरोध किया। इससे वह आगे नहीं बढ़ पाए। साथ ही गांधीनगर में ही पुलिस ने भी मोर्चा ले लिया। उधर दंगाइयों के दूसरे गुट ने बनभूलपुरा थाने का रुख किया और उसे फूंक दिया।

इसके बाद वह छतरी चौराहा के रास्ते वह शहर में जाने का प्रयास करने लगे लेकिन यहां फोर्स ने दंगाइयों को रोक दिया। सूत्रों से पता चल रहा है कि दंगाइयों की योजना थी कि पहले मुख्य बाजार में बहुसंख्यक समुदाय की दुकानों को निशाना बनाया जाएगा। उनमें आगजनी और लूटपाट की जाएगी और बाद में नैनीताल और बरेली रोड को पार करके आगे की आबादी में हिंसा की जाएगी। हालांकि समय रहते फोर्स ने स्थिति को संभाल लिया।

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