मदरसों में चल रहा फर्जी नियुक्तियों का खेल: मदरसा बोर्ड में संगठित भ्रष्टाचार गिरोह सक्रिय, जांच के दायरे में कई अधिकारी

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Published By Muskan Dixit
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फर्जी दस्तावेज, बिल पर विभागीय अधिकारी कमीशन लेकर कर रहे दस्तखत

लखनऊ, अमृत विचार: प्रदेश के मदरसों में फर्जी नियुक्तियां और सरकारी धन का दुरुपयोग का खेल काफी दिनों से चल रहा है। मदरसा बोर्ड में संगठित भ्रष्टाचार व फर्जीवाड़े का गिरोह सक्रिय है। इस मामले की जांच बलरामपुर पुलिस कर रही है। जिसकी जद में मदरसा प्रबंधन व बोर्ड के अधिकारी व कर्मचारी आ रहे हैं। जांच में फर्जी दस्तावेज बनाने, सरकारी धन के भुगतान के लिए फर्जी बिल बनाने का मामला भी शामिल है। पुलिस की जांच में जल्द बड़े खुलासे की उम्मीद है।

बलरामपुर मदरसा शिक्षा से जुड़े संगठित भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में है। तुलसीपुर स्थित मदरसा जामिया अनवारुल उलूम में फर्जी नियुक्ति कर सरकारी धन के दुरुपयोग का गंभीर मामला सामने आया है। शिकायतकर्ता मोहम्मद इमरान द्वारा की गई शिकायत के बाद पूरे प्रकरण का खुलासा हुआ है। शिकायत के अनुसार मोहम्मद अहमद अंसारी की नियुक्ति केवल कागजों में दर्शाई गई थी। नियमित रूप से उपस्थित न रहने के बावजूद उन्हें वेतन का भुगतान किया जाता रहा। शिकायतकर्ता का आरोप है कि कूटरचित अभिलेखों के माध्यम से नियुक्ति दिखाई गई।

इस मदरसे के प्रबंधक अहमदुल कादिरी करीब आठ करोड़ रुपये के मिड-डे मील घोटाले का मुख्य आरोपी है। बलरामपुर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इसके बाद शासन के निर्देश पर फर्जी नियुक्ति किये जाने के मामले में उसके खिलाफ तुलसीपुर कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं, इस फर्जीवाड़े का आरोपी बाबू अजीज अहमद अंसारी का नाम छात्रवृत्ति घोटाले में पहले आ चुका है। 

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