शाहजहांपुरः गर्रा नदी पर बनेगा दूसरा पुल, बनने लगी डीपीआर, जाम में फंसती हैं एंबुलेंस, लोनिवि मंत्री ने दिए निर्देश

शाहजहांपुरः गर्रा नदी पर बनेगा दूसरा पुल, बनने लगी डीपीआर, जाम में फंसती हैं एंबुलेंस, लोनिवि मंत्री ने दिए निर्देश

शाहजहांपुर, अमृत विचार: गर्रा नदी पर दूसरा पुल बनाने के लिए डीपीआर बनना शुरू हो गया है। अब मेडिकल कॉलेज इलाज के लिए जाने वाले मरीजों की एंबुलेंस जाम में नहीं फंसेगी। साथ ही आम जनता को भी जाम से निजात मिलेगी। यही नहीं संकरे पुल के चलते हादसा होने की भी आशंका नहीं रहेगी।

शहर को एक और बड़ी सौगात देने की तैयारी है। गर्रा नदी पर अब एक नहीं बल्कि दो-दो पुल होंगे। वर्तमान में बने पुल के समानांतर दूसरा पुल बनाया जाएगा। शहर की खन्नौत नदी पर दो पुल हो गए हैं। एक पुल पुराना बना हुआ है और दूसरा पुल भी उसी के पास नया बना दिया गया है। खन्नौत नदी पर दूसरा पुल बनने से पहले जाम की स्थिति विकराल हो रही थी। लोगों को आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता था।

कई बार पुल पर जाम लग जाता था और लोग काफी देर तक जाम में फंसे रहते थे। इसी को देखते हुए लोक निर्माण विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद ने यहां पुल निर्माण को मंजूरी दी थी। इसके बाद खन्नौत नदी पर दो पुल बन गए। इसके बाद यहां जाम की समस्या खत्म हो गई है। 17 जनवरी को खन्नौत नदी के नवनिर्मित पुल का लोकार्पण भी हो गया।

पुल के लोकार्पण के मौके पर पहुंचे लोनिवि मंत्री जितिन प्रसाद ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि अब गर्रा नदी पर भी दूसरा पुल बनाना है। लोनिवि और सेतु निगम के अधिकारियों ने बताया कि शहर की आबादी बढ़ने के साथ ही गर्रा नदी पर राजघाट के पास बना पुराना पुल यातायात का बोझ ठीक से नहीं उठा पा रहा है।

हालांकि साल 2015 में ही गर्रा नदी पर दूसरा पुल बनकर तैयार हुआ है। नए पुल का लोकार्पण किया गया। निष्प्रयोज्य पुराने पुल पर वर्तमान में नगर निगम की ओर से वेंडिंग जोन बना दिया गया है। नए पुल पर दोनों ओर से वाहन निकलने की वजह से अक्सर जाम की समस्या बनी रहती है। इसके चलते यहां पर समानांतर दूसरे पुल की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।

कैबिनेट मंत्री से चर्चा के बाद शुरू हुई कवायदः खन्नौत नदी पर बनाए गए समानांतर पुल के लोकार्पण के मौके पर लोक निर्माण विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद ने सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक केएन ओझा से गर्रा नदी पर भी समानांतर पुल बनाने के संबंध में चर्चा की। 

इसलिए जरूरी है दूसरा पुलः राजकीय मेडिकल कॉलेज स्थापित होने के बाद मरीजों को लेकर एंबुलेंस आती-जाती हैं। एकल पुल पर जाम में फंसने से मरीजों को दिक्कत होती है। खासतौर पर राजघाट तिराहे पर लगी ट्रैफिक सिग्नल सिस्टम की रेड लाइट जलने पर अक्सर जाम लग जाता है। दो पुल होने से जाम की समस्या से निजात मिलेगी। 

बसों के अलावा गुजरते हैं भारी वाहनः शाम से सुबह तक रोडवेज बसों के अलावा भारी वाहन भी इसी रास्ते से गुजरते हैं। गर्रा नदी पार रिहायशी इलाके और बाजार क्षेत्र में
वृद्धि होने से यातायात का भार कई गुना बढ़ गया है। पुल पर वाहन आमने-सामने आने से कई हादसे हो चुके हैं। आने और जाने के लिए अलग-अलग पुल होने से हादसों की आशंका भी कम होगी। 

11 फरवरी को पुल पर हादसे में छात्र की मौतः हाल ही में 11 फरवरी को इसी गर्रा नदी पुल पर हादसे में बीबीए छात्र की मौत हो चुकी है। इसके बाद दूसरे पुल की जरूरत और ज्यादा समझी जाने लगी है। थाना सदर बाजार क्षेत्र के मोहल्ला तारीन टिकली निवासी सायम नईम दिल्ली में बीबीए फाइनल ईयर के छात्र थे। परीक्षा समाप्त होने के बाद वह घर लौटे थे।

11 फरवरी की रात वह अपने बचपन के दोस्त मोहम्मद जैद निवासी खलीलशर्की के साथ कार से बरेली मोड़ पर स्थित होटल में खाना खाने के लिए निकले थे। कार को जैद चला रहा था। साइकिल सवार और छुट्टा पशु को बचाने के चक्कर में कार पलट गई और सायम की मौत हो गई थी।  

गर्रा नदी पर नया पुल बनाने के लिए डीपीआर बनाने की प्रक्रिया चल रही है। पुल बनाने में कुल कितना खर्च आएगा और काम कब शुरू करके कब खत्म होगा इन सभी बिंदुओं पर चर्चा की जा रही है। -केएन ओझा, परियोजना प्रबंधक सेतु निगम, बरेली

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