बरेली: आरक्षित यात्री सीटों को लेकर परेशान, महिलाओं के कोच पर पुरुषों का कब्जा

बरेली: आरक्षित यात्री सीटों को लेकर परेशान, महिलाओं के कोच पर पुरुषों का कब्जा

बरेली, अमृत विचार: ट्रेनों में भीड़ का आलम यह है कि आरक्षित बर्थों पर अनारक्षित टिकट या बिना टिकट चलने वाले यात्री कब्जा कर ले रहे हैं। इतना ही नहीं महिलाओं के लिए आरक्षित कोचों को भी नहीं छोड़ा जा रहा। सोमवार शाम काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस बरेली जंक्शन पहुंची तो महिला कोच में पुरुष यात्रियों ने घुसना शुरू कर दिया।

14315 इंटरसिटी एक्सप्रेस में सफर कर रहे जतिन कुमार ने एक्स पर शिकायत की कि डी-3 कोच पर अनारक्षित यात्रियों ने कब्जा कर लिया है। जल्द ही किसी टिकट चेकिंग स्टाफ को भेजा जाए। दूसरी तरफ 12229 लखनऊ मेल में सफर कर रहे काशिफ खान ने शिकायत की कि कोच संख्या एस-3 में उनकी 65 व 66 नंबर बर्थ हैं। ट्रेन में अनाधिकृत यात्रियों ने आतंक मचाया हुआ है। उनके साथ दिव्यांग भी हैं और दिव्यांग कोटा से आरक्षण कराया है। 

यह स्थिति केवल इन ट्रेनों की ही नहीं बल्कि लगभग सभी ट्रेनों की है। सोमवार दोपहर अवध असम एक्सप्रेस आई तो उसके स्लीपर कोच में चढ़ने के लिए होड़ मच गई। ट्रेन के अंदर पैर रखने तक की जगह नहीं थी। वहीं सामान्य कोचों में तो घुसने की भी कोई हिम्मत नहीं जुटा पाया और लटक कर सफर किया। काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस बरेली जंक्शन पहुंची तो महिला कोच में पुरुष यात्रियों ने घुसना शुरू कर दिया। इससे महिला यात्रियों की सुरक्षित यात्रा के दावे पर प्रश्न चिह्न लग गया।

ट्रेनें कैंसिल होने से यात्रियों को दिक्कत
दरअसल बड़ी तादाद में ट्रेनें निरस्त होने के कारण यात्रियों को परेशानी हो रही है। रेल प्रशासन ने कोहरे के कारण तीन महीने के लिए ट्रेनों को निरस्त किया हुआ है। मार्च के पहले सप्ताह तक सभी ट्रेनें दोबारा चलनी शुरू हो जाएंगी तब यात्रियों को थोड़ी राहत मिलेगी। फिलहाल यात्रियों को ट्रेनों में ठूंसकर सफर करना पड़ रहा है।

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