पाकिस्तान में सोशल साइट एक्स को किया गया बहाल, सिंध हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने सरकार से पूछा किसके आदेश पर किया गया था निलंबित

पाकिस्तान में सोशल साइट एक्स को किया गया बहाल, सिंध हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने सरकार से पूछा किसके आदेश पर किया गया था निलंबित

कराची। पाकिस्तान में सिंध हाई कोर्ट ने अधिकारियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म‘एक्स’को बहाल करने और देश भर में साइट तक निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। सिंध हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अकील अहमद अब्बासी ने जर्रार खुहरो, अंबर शम्सी, जेबुन्निसा बुर्की और अन्य सहित कई याचिकाकर्ताओं की ओर से प्रसिद्ध सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक पहुंचने में उपयोगकर्ताओं के सामने रुक-रुक कर आने वाले व्यवधानों के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। एक्स को हाल के सप्ताह में कई बार‘अघोषित’रूप से निलंबित किया गया है। मुख्य न्यायाधीश ने सवाल किया कि किसके निर्देश पर सोशल मीडिया साइट को निलंबित किया गया। 

उन्होंने पूछा,“कितने समय से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स डाउन है?”इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को निलंबित करने का अधिकार केवल पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) के पास है। वकील ने कहा, “पीटीए से पूछा जाना चाहिए कि एक्स को निलंबित करने के निर्देश किसने जारी किये।”याचिका में यह भी कहा गया कि व्यवधान के बारे में न तो पीटीए ने किसी भी प्रकार के नोटिस या संकेत दिये थे और न ही व्यवधान को किसी विशिष्ट स्थान या कुछ स्थानों तक सीमित रखा गया था। नियामक संस्था ने राष्ट्रीय स्तर पर एक्स तक पहुंच पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे सभी प्रमुख शहरों में उपयोगकर्ता प्रभावित हुए थे। 

याचिका के मुताबिक केवल पीटीए के पास ही इतने बड़े पैमाने पर ऐसे प्रतिबंधों को लागू करने के लिए विशेष अधिकार और क्षमता है। याचिका में मामले के पक्षकारों के रूप में राज्य, आईटी मंत्रालय और पीटीए को शामिल किया गया है। याचिका में कहा गया, “पीटीए की विवादित कार्रवाइयों में यह तथ्य भी शामिल है कि उसने पीटीए अधिनियम, इलेक्ट्रॉनिक अपराध निवारण अधिनियम, 2016 के प्रावधानों तथा गैरकानूनी ऑनलाइन सामग्री को हटाने और अवरुद्ध करने के नियम, 2021 का घोर उल्लंघन किया है। ये कानून और नियम अनिवार्य करते हैं कि पीटीए को यह निर्धारित करते समय अपवादों के एक संकीर्ण परिभाषित सेट के भीतर कार्य करना चाहिए कि क्या किसी ऑनलाइन सामग्री या जानकारी के प्रवाह या प्रसार को बाधित करना आवश्यक है।

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