पीलीभीत: बाघ की दहशत...पटाखे दागकर खेतों में काम करने को मजबूर किसान, अभी भी नहीं सुधरे पंडरी के हालात

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
On

पीलीभीत, अमृत विचार: पंडरी गांव में लगातार बाघ की मौजूदगी से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। खेती-किसानी के काम प्रभावित होने लगे हैं। बाघ कब किसको निवाला बना डाले, किसान पटाखे दागकर खेतों में काम करने को मजबूर है। बाघ के न पकड़े जाने से किसानों में खासी दहशत है।

गन्ना सीजन समाप्ति की ओर है। खेतों में गन्ने की छिलाई का काम भी तेजी से चल रहा है। मगर, महोफ रेंज से सटे गांव पंडरी के किसान खेतों में खड़े गन्ने की कटाई करने से कतरा रहे है। वजह  है बाघ की मौजूदगी। गांव में अधिकांश मझोले व छोटे किसान हैं।  

पिछले कुछ दिनों से इन किसानों ने बाघ की दहशत के चलते खेतों में जाना ही बंद कर रखा है। खेतों में खड़ी फसलों को आवारा पशु बबार्द कर रहे हैं, वहीं गन्ने की फसलें भी खेतों में सूख रही है, इसके बावजूद किसान खेतों की ओर जाने का साहस नहीं जुटा पा रहा है।

हालांकि जिन किसानों की गन्ना पर्ची आ चुकी है, उनके लिए खेतों में जाकर गन्ने की कटाई और छिलाई करना मजबूरी है। महज दो-तीन बीघे में खड़े गन्ने के कटाई के लिए पूरा तामझाम करना पड़ रहा है। गन्ने की कटाई करने के दौरान थोड़े-थोड़े समय पर पटाखे दागने पड़ रहे हैं।

ताकि बाघ पटाखे की आवाज सुनकर खेतों में न आए। खेतों में कटाई करने वालों को छोड़कर एक-दो व्यक्ति तो सिर्फ इसीलिए रखे जा रहे हैं कि बाघ दिखने पर उन्हें इतलाह मिल सके। इन सबके बीच किसानों को जान जोखिम में डालकर खेतों में काम कर रहे हैं।

इन किसानों का कहना है कि यदि बाघ को जल्दी नहीं पकड़ा गया तो कोई और भी अनहोनी हो सकती है। बाघ पकड़ने के नाम पर सिर्फ खानापूरी कर टाइम पास किया जा रहा है। अमृत विचार टीम ने खेतों में काम कर रहे इन किसानों का हाल जानने की कोशिश की तो किसानों ने भी खुलकर अपनी पीड़ा बयां की।

यह भी पढ़ें- पीलीभीत: इंस्पेक्टर पर गिरी गाज, युवती की बरामदगी को लगाईं दो टीमें, चुनौती अब भी बरकरार 

संबंधित समाचार