अयोध्या: रामोत्सव में बनारस घराने की जुगलबंदी और सिरमौर नाटी नृत्य की रही बहार, सिर पर जलता दीपक रख...

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Published By Sachin Sharma
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अयोध्या, अमृत विचार। रामकथा पार्क में रामोत्सव के अंतर्गत लखनऊ से आई पर्णिका श्रीवास्तव के दल ने कथक और लोक नृत्यों के साथ अशोक वाटिका में सीता हनुमान के मिलन, लंका दहन के दृश्य से नृत्य नाटिका का आरंभ किया।

इस नृत्य नाटिका के सह कलाकार ऋतिका, दिव्या, प्रज्ञा, पूजा, अंश, अभिषेक, अपूर्वा, अभिषेक और अमन रहे। अगली प्रस्तुति में हिमांचल प्रदेश से आए चंद्र मोहन ठाकुर के दल ने अपने पारंपरिक लोक गीत और नृत्यों से समां बांध दिया। 

मांगलिक अवसरों पर किए जाने वाले सिरमौर नाटी नृत्य के अलावा कलाकारों ने सर पर जलते हुए दीपक रखकर नृत्य करते हुए जमीन पर रखे रूमाल को होठों से उठाया तो लोग अचंभित हो गए। 

बनारस घराने के उदय शंकर मिश्र ने ड्रम और ओम सहाय ने सारंगी की जुगलबंदी से सम्मोहन बिखेरा तो उसी ताल पर रुद्र शंकर मिश्र ने स्नेहा, आयुषी, श्रेया, रत्नप्रिया, श्रेया और श्रीजा के साथ शिव स्तुति कथक शैली में करके भारतीय और पाश्चात्य शैली का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया। 

सृजन शक्ति वेलफेयर सोसाइटी लखनऊ के कलाकारों ने बम भोले बम भोले पर नृत्य किया। प्रख्यात कथक नृत्यांगना सुरभि सिंह ने छाप छोड़ी। दिल्ली से आए नरेश कुमार के दल ने राम लक्ष्मण के विद्याभ्यास से लेकर राज्याभिषेक का प्रसंग मंचित किया। 
राम के पात्र में उमेद पवार, सीता वंशिका लक्ष्मण संदीप और रावण अभिषेक ने सभी को प्रभावित किया। संचालन प्रस्तुतियों देश दीपक मिश्र ने किया। अंतरराष्ट्रीय रामायण एवम वैदिक शोध संस्थान के निदेशक डॉ.  लवकुश द्विवेदी ने कलाकारों का सम्मान स्मृति चिह्न देकर किया।

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