प्रयागराज: मूलभूत सुविधाओं से महरूम है महिला चिकित्सालय कोरांव, महिलाओं को 33 पैसे की दवा भी नहीं मयस्सर!
एक बार बिल्डिंग देख लेंगे तो कांप जाएगी रूह, लोगों ने पूछा- क्या ये ही है महिला सशक्तिकरण?
कोरांव/नैनी, प्रयागराज, अमृत विचार। जहां देश प्रदेश की डबल इंजन की सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए लगातार दावे कर रही है वहीं प्रयागराज के दक्षिणांचल स्थित जनपद से 80 किमी दूरूस्थ व मध्य प्रदेश की सीमा से सन्निकट तहसील कोरांव का महिला चिकित्सालय जर्जर होने के साथ ही जुआरियों व अराजकता का केंद्र बना हुआ है।
अस्पताल परिसर में जहां गन्दगी का ढेर लगा हुआ है तो वहीं प्राइवेट वाहनों का आशियाना बन चुका है। यहां किसी भी महिला की नियुक्ति नहीं है और ना ही किसी फार्मासिस्ट की जो उनकी बीमारियों का उपचार सही समय पर कर सके। यहां महिलाओं की कुल आबादी ढाई लाख से ऊपर है किंतु उन्हें यहां इलाज की किसी भी प्रकार की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। न ही डॉक्टर हैं और नहीं जांच के लिए उपकरण, जिससे महिलाओं को इलाज कराने के लिए जनपद प्रयागराज जाना पड़ता है।
चिकित्सा सुविधा का यहां है घोर अभाव
दक्षिणांचल के इस हिस्से में ज्यादातर लोग गरीबी में जी रहे हैं। महिलाएं लकड़ियां तोड़कर अपना जीवन यापन करती हैं। पैसा ना होने के कारण उन्हें झोला छाप डॉक्टरों की शरण में जाना पड़ता है जहां उन्हें पुरुष चिकित्सक के सामने शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है।
कुछ महिलाएं तो गंभीर बीमारियों के चलते प्रयागराज पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देती हैं। बहुत सी महिलाएं तो प्रसव के लिए सुदूर अस्पतालों की शरण लेने के लिए बाध्य है, जहां उनके धन का काफी दुरुपयोग किया किया जाता है। ऐसा नहीं कि महिला चिकित्सालय की ओर संबंधित विभागों के अधिकारियों की नजर नहीं पड़ती।
आंख पर पट्टी बांधे हैं रहनुमा
बावजूद इसके संबंधित अधिकारी व जनता के रहनुमा अपनी आंखों पर पट्टी बांधे हुए हैं। जबकि इस बावत कई बार सांसद प्रयागराज व दूसरी पारी की जिम्मेदारी निभा रहे विधायक राजमणि कोल के संज्ञान में भी डाला गया किंतु समय जस की तस बनी हुई है।
स्थानीय निवासी अनीता शुक्ला का कहना कि विधायक का यह दूसरा कार्यकाल है, लेकिन महिलाओं को कोई सुविधा नहीं है। मनीषा तिवारी ने कहा कि अस्पताल में महिला चिकित्सक नही होने से उनकी उपेक्षा हो रही है।
कुशुम निवासी बैदवार का कहना है कि कोरांव में महिला चिकित्सक नहीं होने के कारण कठिनाईयों का सामना करना पड़ा रहा है। मीना देवी तराव निवासी का कहना है कि महिला चिकित्सालय में डाक्टर नहीं होने से गरीबो का उपचार नहीं हो पा रहा है।
वहीं विधायक राजमणि कोल का कहना है कि लखनऊ जाकर स्वास्थ्य मंत्री से बात कर समस्या का निदान कराएंगे।

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