IFSC की इकाइयों को कुछ भुगतान पर TDS से मिलेगी छूट

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Published By Moazzam Beg
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नई दिल्ली। सरकार ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में स्थित 14 सेवा क्षेत्रों की इकाइयों को किए जाने वाले कुछ भुगतानों को 'स्रोत पर कर कटौती' (टीडीएस) प्रावधानों से एक अप्रैल से छूट देने का फैसला किया है। इस छूट से कर अनुपालन बोझ कम होगा। 

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक अधिसूचना में कहा कि वित्तीय-प्रौद्योगिकी, बैंकिंग, कोष प्रबंधन इकाई, वित्त कंपनी, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी, बीमा मध्यस्थ और निवेश बैंकिंग जैसे क्षेत्रों की आईएफएससी में स्थित इकाइयों को भुगतान के लिए कोई टीडीएस नहीं काटना होगा। 

इस फैसले के बाद टीडीएस छूट पेशेवर/रेफ़रल शुल्क, ब्रोकरेज आय, बाहरी वाणिज्यिक उधार/ ऋण पर ब्याज, बीमा कमीशन, लाभांश और क्रेडिट रेटिंग शुल्क जैसे भुगतानों पर लागू होगी। अधिसूचना एक अप्रैल, 2024 से लागू होगी और इसमें दी गई छूट लगातार 10 आकलन वर्षों तक लागू होगी। गुजरात के गांधीनगर में मौजूद आईएफएससी को सरकार वित्तीय क्षेत्र के लिए कर-तटस्थ केंद्र के रूप में विकसित कर रही है। 

इस कदम पर नांगिया एंड कंपनी एलएलपी के साझेदार अमित अग्रवाल ने कहा कि आईएफएससी में मौजूद इकाइयों को किए गए निर्दिष्ट भुगतान को टीडीएस से छूट देकर एक बड़ी राहत दी गई है। पहले, टीडीएस से छूट जहाजों एवं विमानों को पट्टे पर देने जैसे कुछ भुगतानों तक ही सीमित थी। लेकिन नई अधिसूचना ने इसके दायरे को व्यापक बना दिया है। 

अब आईएफएससी में स्थापित वित्त कंपनियों, बैंकिंग इकाइयों को बाह्य उधारी पर ब्याज, पेशेवर शुल्क, रेफरल शुल्क, लाभांश आय जैसे विभिन्न भुगतान इसके दायरे में आ गए हैं। निर्धारित प्रक्रिया के तहत आईएफएससी इकाई द्वारा भुगतानकर्ता को फॉर्म नंबर एक पेश करना होगा जिसके बाद भुगतानकर्ता टीडीएस नहीं काटेगा। भुगतानकर्ता को टीडीएस विवरण में ऐसे सभी भुगतानों का विवरण भी प्रस्तुत करना होगा।

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