लखनऊ के इंजीनियर का मेघालय में अपहरण, पत्नी ने जताई यह आशंका

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Published By Deepak Mishra
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गुड़ंबा इलाके में रहने वाले कांट्रेक्टर के साथ पुल निर्माण में कर रहे थे काम, रात 11 बजे पत्नी से मोबाइल पर की थी बात, डेढ़ बजे रात हुआ अपहरण

लखनऊ, अमृत विचार। कुर्सी रोड स्थित बेनीगंज इलाके में रहने वाले भारी वाहन के मकैनिक और सुपरवाइजर 49 वर्षीय अखिलेश सिंह चौहान का मेघालय की दक्षिण गारो हिल्स में अपहरण हो गया। कांट्रेक्टर ने अखिलेश की पत्नी शीला सिंह को फोन कर घटना की जानकारी दी। पत्नी ने बताया कि कांट्रेक्टर के साथ करीब छह माह से वहां पुल निर्माण में कार्य कर रहे थे। पति के साथ अनहोनी की आशंका जताते हुए उ.प्र और मेघालय सरकार से मदद की गुहार लगाई है।

मूलत: गाजीपुर जिले के दुल्लापुर निवासी अखिलेश सिंह चौहान भारी वाहनों के मकैनिक के अलावा निर्माण के दौरान टीम को मशीनों का सुपरवाइज भी करते हैं। करीब तीन वर्ष से उनका परिवार गुड़ंबा के बेनीगंज इलाके में किराए के मकान में रहता है। पत्नी शीला सिंह चौहान ने बताया कि पति जानकीपुरम के पंचवटी पार्क के पास रहने वाले कांट्रेक्टर आरके के साथ काम कर रहे हैं। आरके वर्तमान में मेघालय के भागमारा के खारोकल में रोंडिक पुल का निर्माण करा रहे हैं।

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बताया कि मंगलवार रात 11:30 बजे पति से मोबाइल पर बात हुई थी। रात करीब तीन बजे आरके ने फोन कर पति के अपहरण की जानकारी दी। कांट्रेक्टर ने बताया कि पति के अपहरण की रिपोर्ट मेघायल के स्थानीय सिजु थाने में दर्ज करा दी है। सिजु पुलिस जंगलों में तलाश कर रही है। वहीं शीला ने कांट्रेक्टर पर रुपयों के लेन-देन को लेकर पति के साथ अनहोनी कराने की आशंका जताई है।

 दरवाजा खट खटाने पर पति ने अखिलेश को भेजा था बाहर

पत्नी शीला ने बताया कि आरके ने उन्हें बताया रात दो बजे अपहरणकर्ताओं ने उनके कमरे का दरवाजा खट खटाया। उन्हें लगा की साइट पर काम करने वाले मजदूर डीजल आदि के लिए पूछने आए हैं। उन्होंने अखिलेश से जो कि बगल में बनी झुग्गी में थे, भेज दिया। कुछ देर बात आरके ने मामला जानने के लिए आवाज दी। कोई जवाब न मिलने पर बाहर निकले। आसपास तलाश की लेकिन को सफलता नहीं मिली। तब उन्होंने संबंधित थाने में पति के अपहरण की सूचना दे मामला दर्ज कराया।

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कांट्रेक्टर के साथ करीब 10 वर्ष से काम कर रहे हैं अखिलेश

शीला चौहान ने बताया पति अखिलेश कांट्रेक्टर आरके के साथ 10 वर्ष से काम कर रहे हैं। छह माह पहले छठ पूजा के बाद वह काम पर मेघालय गए थे। शीला ने बताया कि कांट्रेक्टर रुपये देने में हीला हवाली करते हैं। उनके पास काफी रुपये बाकी हैं। कई बार कहने पर 18 मार्च को कुछ रुपये दिये थे। जो बच्चाें की फीस व घरेलू कार्यों में खर्च हो गए। घटना के बाद से परिवारजन काफी परेशान हैं। शीला का कहना है कि आरके से अपहरणकर्ताओं से फिरौती आदि की बात जानने के लिए फोन किया तो कोई जवाब नहीं दिया।

मां के साथ गांव में छोटा भाई करता है खेती बाड़ी

अखिलेश सिंह के परिवार में पत्नी शीला के अलावा दो बेटे सूरज, सूर्या व एक बेटी परी है। अखिलेश की मां कुसुम छोटे भाई विनोद के साथ गांव में रहती हैं। वह खेती किसानी करते हैं। शीला ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई के लिए पति ने बेनीगंज में किराये पर कमरा ले रखा है। कहा पति का अक्सर चार से छह माह बाद ही आना जाना हो पाता है।

बांग्लादेश की सीमा से सटा है कार्यस्थल

कांट्रेक्टर पुल निर्माण का स्थान बांग्लादेश की सीमा से सटा है। यहां से बांग्लादेश की दूरी महज पांच से 10 कि.मी. बताइ जा रही है। ऐसे में अपहरणकर्ताओं का ठिकाना बांग्लादेश में होने की भी आशंका है। यह भी चर्चा है कि अपहरणकर्ता कांट्रेक्टर का ही अपहरण करने आए हाें और उनके धोखे अखिलेश सिंह चौहान का अपहरण कर ले गए हों।

क्या बोले बाघमारा के पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र बामनिया

बाघमारा के पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र बामनिया ने कहा, "कंपनी प्रबंधक ने हमें लगभग 1:40 बजे सूचना दी कि अज्ञात लोग निर्माण स्थल पर अस्थायी तम्बू का दरवाजा खटखटाने लगे और डीजल की उपलब्धता के बारे में पूछा। जब अखिलेश जांच करने बाहर गए, कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया था। हमारे लोग जंगल में उसकी तलाश कर रहे हैं। जल्द ही बरामद कर अपहरणकर्ताओं को पकड़ लेंगे।" रिपोर्ट दर्ज कर ली है। अखिलेश को वापस लाने सिजू पुलिस सीमा के वन क्षेत्र में तलाशी अभियान चला रही है।

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