पीलीभीत: होली पर संभलकर खाएं गुझिया पकवान, FSDAके भरोसे मत रहिए...सक्रिय हैं मिलावटखोर

पीलीभीत: होली पर संभलकर खाएं गुझिया पकवान, FSDAके भरोसे मत रहिए...सक्रिय हैं मिलावटखोर

पीलीभीत, अमृत विचार। होली का त्योहार नजदीक आते ही मिलावटखोर एक बार फिर सक्रिय हो चुके हैं। बाजारों में सेहत से खिलवाड़ करने वाले मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री शुरू हो चुकी है। वहीं जिम्मेदार खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन पर्व के मद्देनजर चलाए जाने वाले अभियान को लेकर औपचारिकता निभा रहा है। हर साल त्योहारों पर एफएसडीए की कार्रवाई सिर्फ छोटे मोटे मिलावटखोरों तक ही सीमित रहती है।

 खाद्य पदार्थों में मिलावट का मामला सीधे आम आदमी के सेहत से जुड़ा है। शासन-प्रशासन इस बारे में तमाम दिशा निर्देश जारी करता है। इसकी निगरानी के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) टीम भी है। विभागीय अफसरों को को बाजार में खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी रोकने और आम जनता में उसके प्रति जागरूकता पैदा करने की जिम्मेदारी दी गई है, मगर धरातल पर एफएसडीए की कार्रवाई हमेशा केवल कागजी आंकड़ेबाजी तक ही सीमित रहती है। 

वहीं बड़े मिलावटखोर अपना काम करते हुए त्योहारी सीजन का पूरा फायदा उठा ले जाते है। इधर होली का पर्व नजदीक आ चुका है। त्योहार के दिनों में मिलावटखोर मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने से तनिक भी नहीं चूक रहे हैं। बाजारों में एक बार फिर से तेल, मसाले, दाल, दूध, रिफाइंड, ड्राईफूट्स, खोवा, मिठाई में मिलावट बड़े पैमाने पर शुरू हो चुकी है। 

बताते हैं कि मिलावटखोरों ने अपने धंधें को अंजाम देने के लिए मिलावटी खाद्य पदार्थों को एक-दो माह पहले ही बाजारों में खपाना शुरू कर दिया था। एफएसडीए के आंकड़े खुद इस बात के गवाह है। पिछले कुछ महीनों में टीम द्वारा नमूने लिए गए थे। शासन स्तर पर हुई जांच में पनीर के चार नमूने फेल पाए गए थे। यह चंद नमूने ही मिलावटखोरी शुरू होने की ओर संकेत कर रहे हैं। मिलावटखोरी का खेल शुरू हो चुका है। मगर, जिम्मेदार एफएसडीए मिलावटखोरों की धरपकड़ के लिए गंभीर नहीं है।

मावा में सिथेंटिक दूध, कचरी-पापड़ में हानिकारक रंग
होली पर मावा की बिक्री तेजी पकड़ेगी।  बीते सालों की तरह असली के बीच मिलावटी मावा भी बाजार में खपाने की तैयारी कर ली गई है। शहर के अलावा बीसलपुर क्षेत्र में मावा की बड़ी मंडी है। ये काफी नामचीन मंडी है। यहां से जनपद ही नहीं, शाहजहांपुर, बरेली, लखीमपुर समेत आसपास के अन्य जिलों में भी मावा की सप्लाई होती है।  गुणवत्ता की गारंटी मौखिक रुप से तो हर कोई दुकानदार देता है, लेकिन मिलावटी होने का प्रमाण बीते सालों में लिए जा चुके नमूनों की रिपोर्ट भी हकीकत बयां चुकी है।  

एफएसडीए के जिम्मेदारों की मानें तो मिलावटी मावा बनाने में सिंथेटिक दूध,सिंघाड़े का आटा, आलू, वेजिटेबल घी और मैदा का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह से होली पर कचरी पापड़ की डिमांड बढ़ती है। देखने में कचरी पापड़ अच्छा लगे, इसलिए रंग की मिलावट की जाती है। जोकि स्वास्थ्य के लिए हानिकारिक साबित होते हैं। करीब तीन साल पहले होली पर बड़ी मात्रा में कचरी फैक्ट्री पकड़ी भी गई थी। इसके अलावा सर्वाधिक नमूने दूध को लेकर भी फेल हो चुके हैं। जिसमें डिटर्जेंट और रिफाइंड की मिलावट जांच में कई बार मिल चुकी है।

सैंपल ले भी लिए तो क्या फायदा
एफएसडीए द्वारा मिलावटी खाद्य पदार्थों पर अंकुश लगाने के लिए अभियान चलाए जाते हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम संदेह होने पर किसी भी प्रतिष्ठान पर छापेमारी कर सैंपल लेकर जांच के लिए राजकीय प्रयोगशाला भेज देती है। जांच रिपोर्ट आने के बाद संबंधित को नोटिस भेजा जाता है।

नोटिस के जवाब के लिए 30 दिन का इंतजार किया जाता है। फिर इसके बाद वाद दायर किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में दो से तीन माह का समय लग जाता है। ऐसे में जिस दुकानदार के माल में गड़बड़ी पाई जाती है, वह उस पूरे माल को आसानी से बाजार में खपा देता है।

बड़े धंधेबाजों पर मेहरबानी, छोटों पर निशाना
मिलावटखोरी रोकने के लिए त्योहारों पर एफएसडीए द्वारा सख्ती की जाती है। मगर, इस सख्ती का निशाना सिर्फ छोटे दुकानदार ही बनते हैं। हर साल ही टीमें अधिकांशत: दूधिया, छोटे किराना व्यापारी, सड़क किनारे या फिर गांव देहात में मिठाई की छोटी दुकान लगाने वालों पर कार्रवाई करके अपने आंकड़े दुरुस्त कर लेती हैं। किसी बड़े धंधेबाज के यहां छापामार कार्रवाई नहीं की जाती। अगर टीम बहुत दबाव में पहुंच भी गई तो उन्हें क्लीन चिट मिल गई या फिर चेतावनी नोटिस देकर निपटा दिया।

साल भर में यह की गई कार्रवाई-
निरीक्षण- 1816
छापा- 241
संग्रहित नमूने- 241
प्राप्त नमूनों की जांच रिपोर्ट - 282
अधोमानक - 125
असुरक्षित - 15
मिथ्याछाप - 11
मानक विरुद्ध - 06

मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। गड़बड़ी मिलने पर पर्व में सख्त कार्रवाई की भी गई है। होली पर्व के मद्देजर विशेष अभियान चलाकर सैंपल लिए जा रहे हैं।-अभिहीत अधिकारी

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