पीलीभीत: आसान होगा लखनऊ तक का सफर, 30 मार्च को हो सकता है सीआरएस...तैयारी में जुटे अफसर

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Published By Vishal Singh
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पीलीभीत, अमृत विचार। जनपदवासियों के लिए खुशखबरी है। पीलीभीत से लखनऊ तक का सफर करने की बांट जोह रहे रेलयात्रियों की राह अब आसान होती नजर आ रही है। पीलीभीत-शाहगढ़ रेल ट्रैक का काम पूरा हो चुका है। इसके सीआरएस  निरीक्षण की संभावित तारीख 30 मार्च बताई जा रही है। इससे पूर्व 27 मार्च को ईआइजी टीम का निरीक्षण होगा। इसको लेकर कार्यक्रम भी जारी किया गया है। नवनिर्मित ट्रैक के सीआरएस निरीक्षण को लेकर अधिकारी तैयारियों में जुट गए हैं।

मैलानी- पीलीभीत रेलखंड के आमान परिवर्तन के लिए मई  2018 मेगा ब्लाक लिया गया था। गत वर्ष नवंबर में मैलानी से शाहगढ़ के बीच  ट्रेनों का संचालन शुरू हो चुका है। इसके बाद पीलीभीत से शाहगढ़ के बीच आमान परिवर्तन के साथ विद्युतीकरण का कार्य तेजी से शुरू किया गया था। वन विभाग की आपत्ति के चलते पीलीभीत-शाहगढ़ के बीच करीब दो साल का काम अटका रहा। एनओसी मिलने के बाद पीलीभीत-शाहगढ़ के बीच कार्यदायी संस्था द्वारा तेजी से काम कराया गया। माला नदी पर पुल निर्माण के साथ विद्युतीकरण का कार्य तेजी से कराया गया। 

वहीं, अब पीलीभीत-शाहगढ़ ट्रैक का काम पूरा हो चुका है। काम पूरा होने के बाद सीआरएस निरीक्षण को लेकर पत्रावली गोरखपुर भेजी गई थी। इस बीच आरवीएनएल के महाप्रबंधक समेत मंडलीय अधिकारियों द्वारा नवनिर्मित ट्रैक का निरीक्षण किया जा चुका है। इधर अब नवनिर्मित रेल ट्रैक के सीआरएस निरीक्षण का कार्यक्रम जारी किया गया है। इसमें 30 मार्च को संभावित सीआरएस निरीक्षण होने की जानकारी दी गई है।

प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर संजय सिंघल की ओर से जारी कार्यक्रम में बताया गया कि रूट पर नान इंटरलाकिंग होना है। इसके बाद 30 मार्च को सीआरएस संभावित है। आरवीएनएल के सेक्शन प्रभारी कृष्ण मोहन विश्वकर्मा ने बताया कि पीलीभीत-शाहगढ़ ट्रैक तैयार हो चुका है। सीआरएस 30 मार्च को संभावित है। इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

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