Lok Sabha Election 2024: मोदी लहर फिर से बनेगी विपक्ष की आफत! इस मुद्दे से मिली भाजपा को ताकत

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। लाल झंडे और कांग्रेस के वर्चस्व के बाद 1990 के दशक ने कानपुर की राजनीतिक दिशा को दूसरी ओर मोड़ दिया। राम मंदिर आंदोलन का असर रहा कि 1991, 1996 और 1998 के चुनावों में लगातार जीत हासिल करके भाजपा के जगतवीर सिंह द्रोण दिल्ली पहुंचे थे। इसके बाद 1999 में कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल ने उन्हें हरा दिया। लगातार तीन चुनाव जीतकर श्रीप्रकाश केंद्र में गृहराज्य मंत्री और कोयला मंत्री बने।  2014 की मोदी लहर में डॉ मुरली मनोहर जोशी ने श्रीप्रकाश को 2.22 लाख वोटों फिर 2019 में सत्यदेव पचौरी ने 1.55 लाख वोटों से हराया।

कांग्रेस और सपा का बढ़ता आधार भाजपा नहीं कर पा रही नज़रअंदाज़ 

कांग्रेस प्रत्याशी श्रीप्रकाश जायसवाल को 2009 के चुनाव में 2.14 लाख वोट मिले थे। 2014 की मोदी लहर में करारी हार के बावजूद श्रीप्रकाश ने 37 हजार वोट ज्यादा हासिल कर अपने वोटों का आंकड़ा  2.51 लाख तक पहुंचा दिया। वर्ष 2019 में भी श्रीप्रकाश चुनाव हारे, लेकिन उन्हें 2014 के मुकाबले 62 हजार ज्यादा यानी कुल 3.13 लाख वोट मिले।

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