हल्द्वानी में ISIS ने किया था ट्रायल धमाका, दिल्ली के बाद गौला नदी से सटे जंगलों में किए थे हल्के धमाके

हल्द्वानी में ISIS ने किया था ट्रायल धमाका, दिल्ली के बाद गौला नदी से सटे जंगलों में किए थे हल्के धमाके

हल्द्वानी, अमृत विचार। असम से पकड़े गए भारत में आईएसआईएस के प्रमुख देहरादून निवासी हारिस फारुखी के बारे में पुलिस और एनआईए को पिछले साल ही जानकारी हो गई थी। जब दो अक्टूबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने तीन आतंकियों मोहम्मद शाहनवाज आलम, मोहम्मद रिजवान अशरफ और मोहम्मद अशरद वारसी को गिरफ्तार किया था।

ये तीनों आईएसआईएस के आतंकी हैं और इनसे ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को हल्द्वानी में धमाके के ट्रायल की खबर मिली थी। हालांकि अब हारिस फारुखी एनआईए के कब्जे में है। सूत्र बताते हैं कि उसे देहरादून के साथ ही हल्द्वानी भी लाया जा सकता है। 

पिछले साल अक्टूबर में दिल्ली में गिरफ्त में आए आतंकियों ने पुलिस टीम को बताया था कि उन्होंने हल्द्वानी में रेकी करने के साथ बम धमाके का परीक्षण भी किया था। ये धमाका गौला नदी और नदी किनारे जंगलों में करने की बात सामने आई थी। इस बात की पुष्टि अब हारिस फारुखी ने भी कर दी। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि हल्द्वानी की रेकी की वजह कहीं कोई नया ट्रेनिंग सेंटर खोलना तो नहीं था। 

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली, लखनऊ व मुरादाबाद से तीन संदिग्ध आतंकियों मोहम्मद शाहनवाज आलम, मोहम्मद रिजवान अशरफ और मोहम्मद अशरद वारसी को गिरफ्तार किया था। जो कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हैं। तब पता चला कि ये तीनों देश के कई हिस्सों में रेकी कर चुके हैं। ये तीनों हल्द्वानी भी आए थे और बम का परीक्षण किया था। इनके पास से गूगल मैप मिला, जिससे हल्द्वानी में इनके मौजूद होने की पुष्टि हुई।

इन सबकी जांच को एनआईए अब इन्हें पहले देहरादून और हल्द्वानी ला सकती है। जिसके बाद यह पता लगाया जाएगा कि पूर्व में पकड़े गए तीन आतंकी और हारिश में क्या संबंध हैं और हल्द्वानी में इनका क्या प्लान था ? हालांकि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने धमाके की बात से इन्कार किया है। जबकि पुलिस मुख्यालय से हारिस से संबंधित हर बिंदु की जांच की बात कही जा रही है। 

पकड़ा जा चुका माओवादी प्रशिक्षण शिविर
चोरगलिया के जंगलों में माओवादियों का प्रशिक्षण केंद्र पकड़ा गया था। जहां सशस्त्र ट्रेनिंग दी जाती थी। कई माओवादी पकड़े गए थे। उनके पास से राष्ट्र विरोधी साहित्य व असलहे बरामद हुए थे। शिविर के खुलासे के बाद हसपुर खत्ता में पुलिस चौकी स्थापित की गई।