Unnao: आवास विकास ओवरब्रिज न बनने से लगा रहता जाम… दिल्ली सहित अन्य राज्यों के वाहन करते पश्चिमी बंगाल तक आवागमन
उन्नाव में आवास विकास ओवरब्रिज न बनने से जाम लगा रहता है
उन्नाव, अमृत विचार। उन्नाव शहर की रामपुरी रेलवे क्रासिंग की ही तरह आवास विकास कालोनी स्थित रेलवे क्रासिंग पर जाम लगने की समस्या समय बीतने के साथ बढ़ती जा रही है। कुछ वर्षों पहले तक इस रेल रूट पर जहां कई-कई दिन गुड्स ट्रेन नहीं निकलती थीं। वहीं अब प्रतिदिन कई-कई मालगाड़ियां गुजारी जाने लगी हैं, जिससे दिन के साथ रात के समय भी वाहन चालकों को गेट बंद होने पर खड़े रहना पड़ता है।
दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों के उत्पादों को कोलकाता सहित अन्य राज्यों तक लाने व ले जाने वाले वाहन भारी भार वाहन बिल्हौर के पास जीटी रोड छोड़कर शहर होकर गंतव्य की ओर बढ़ते हैं। यह वाहन न सिर्फ लखनऊ-कानपुर राजमार्ग बल्कि रायबरेली रोड होकर आगे का सफर तय करने के लिए बढ़ते समय रायबरेली रेलवे क्रासिंग से गुजरना पड़ता है।
पहले इस रेल मार्ग से आधा दर्जन से अधिक यात्री ट्रेन गुजरती थीं। अब यात्री ट्रेनों की संख्या आधा दर्जन रह गई है, लेकिन माल गाड़ियों की संख्या में काफी वृद्धि हो गई है। प्रतिदिन कई गुड्स ट्रेन पास की जाती रहती हैं। यात्री सहित गुड्स ट्रेन निकालने के लिए रायबरेली रेलवे गेट बंद करते ही सड़क के दोनों किनारों पर वाहनों की कतार लगनी शुरू हो जाती है।
कई बार गुड्स ट्रेन पहुंचने में अधिक समय लगने पर एक ओर जहां अखिलेश्वर मंदिर तो दूसरी ओर पार्क व्यू पैलेस के आगे तक वाहनों की कतार लगी रहती है। रेलवे क्रासिंग खुलने पर भी सड़क यातायात को रेंगते हुए आगे बढ़ना पड़ता, क्योंकि रेलवे क्रासिंग के दोनों ओर गेट बूम को वाहनों की टक्कर से बचाने को स्पीड ब्रेकर बने हैं। इससे लोड भारी भार वाहन गुल्ला व कमानी को टूटने से बचाने के लिए काफी सहुलियत से आगे बढ़ते हैं।
शहरियों को भुगतना पड़ता है खामियाजा
जाम लगने का खामियाजा शहर के बाशिंदों को भरना पड़ता है, क्योंकि इस रेलवे क्रासिंग से सर्वाधिक हल्के वाहन, ई-रिक्शा व आटो आवागमन करते हैं। भारी वाहनों के बीच से निकलते हुए दुर्घटना की संभावना रहती है, साथ ही वाहन सवारों को समय बर्बाद करना पड़ता है। रायबरेली रेलवे ट्रैक पर गुड्स ट्रेन की संख्या कोविड काल से बढ़ी बताई जाती है। क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों द्वारा सही पैरोकारी न किए जाने से यहां ओवरब्रिज का निर्माण अब तक नहीं हो सका है।