Lok Sabha Chunav 2024: दो चुनावी सभाएं करके डॉ. लोहिया ने जीता था चुनाव...अब जीत का स्वाद चखने के लिए लगाना पड़ता एड़ी-चोटी का जोर
दो चुनावी सभाएं करके डॉ. लोहिया ने जीता था चुनाव
फर्रुखाबाद, (चन्द्रपाल सिंह सेंगर)। दौर चाहें कोई भी रहा हो चुनाव में जीत हासिल करने के लिए प्रत्याशियों को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ता है। साम-दाम-दंड-भेद के हथकंडे से भी नहीं चूकते, तब कहीं जाकर जीत का सेहरा बंधता है। मगर डॉ. राम मनोहर लोहिया ऐसे प्रत्याशी रहे, जिन्होंने वर्ष 1963 में हुए लोकसभा उप चुनाव में मात्र दो सभाएं करके ही जनता के दिलों में ऐसी छाप छोड़ी कि जब नतीजा आया तो उन्होंने कांग्रेस जैसी पार्टी के प्रत्याशी को हराकर सांसद बनने का गौरव हासिल किया।
वैसे तो जनपद फर्रुखाबाद को अपराकाशी कहा जाता है। यहां महाभारत कालीन का प्राचीन पांडवेश्वरनाथ मंदिर है तो संकिसा में बौद्ध तीर्थ स्थल। जनपद के ही सलमान खुर्शीद कांग्रेस सरकार में पूर्व विदेश मंत्री रहे तो उनके नाना डॉ. जाकिर हुसैन ने राष्ट्रपति रहते हुए देश का नेतृत्व किया। इसके बावजूद विकास के नाम पर जनपद शून्य है। मगर जब चुनाव आते हैं तो हर कोई जीत हासिल करने के लिए जनता के बीच वादों की झड़ी लगाते हैं।
पहले ऐसा नहीं होता था। इसका उदाहरण थे समाजवाद के पुरोधा कहे जाने वाले डॉ. राम मनोहर लोहिया। वर्ष 1962 में कांग्रेस सांसद मूलचंद्र दुबे की मृत्यु के बाद 1963 में फर्रुखाबाद में लोकसभा उप चुनाव हुआ तो डॉ. राममनोहर लोहिया संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से चुनाव मैदान में उतरे। फर्रुखाबाद की राजनीति में डॉ. लोहिया नया चेहरा और पार्टी भी नई। हां यह जरूर था कि 1962 में चीन से मिली भारत को हार के बाद देशवासियों में कांग्रेस के प्रति गुस्सा था।
डॉ. राम मनोहर लोहिया के प्रस्तावक बने मोहल्ला बजरिया निवासी स्व. श्याम प्रकाश गुप्ता के पुत्र पूर्व सपा जिलाध्यक्ष विश्वास गुप्ता बताते हैं कि रेलवे रोड पर बंगाली होटल था, जिसमें कांग्रेस विरोधी लोग बैठक करते थे। इसी बैठक में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी की टिकट से डॉ. राम मनोहर लोहिया को चुनाव लड़ने पर श्याम प्रकाश गुप्ता व अन्य गणमान्य लोगों ने हामी भरी। कांग्रेस से डॉ. बालकृष्ण केसकर चुनावी मैदान में थे।
कांग्रेस प्रत्याशी के प्रचार प्रसार में इंदिरा गांधी ने पटेल पार्क में जनसभा की। हेलीकॉप्टर से उनके समर्थन में पर्चे भी उड़ाए गए। डॉ. राम मनोहर लोहिया के समर्थन में मुलायम सिंह यादव, जार्ज फर्नांडिस, जनेश्वर मिश्र व हबीबा बानो आदि प्रचार करने आए थे। डॉ. लोहिया ने पहली सभा रेलवे रोड स्थित सरस्वती भवन में की और दूसरी सभा उन्होंने नाव से गंगा नदी पार कर राजेपुर में जाकर की थी।
इन्हीं दो सभाओं में ऐसा जादू हुआ कि फर्रुखाबाद की जनता ने डॉ. लोहिया को 57 हजार वोटों से जिताकर संसद भेज दिया। इसके बाद शहर में विजयी जुलूस निकाला गया, जिसमें डॉ. राम मनोहर लोहिया के साथ ही मुलायम सिंह यादव समेत भारी संख्या में जनसमूह उमड़ा था।
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