Special News: मलेशिया से सिंगापुर तक हसनगंज के हुश्नआरा और दशहरी की धमक...गैर प्रांतों के अलावा गैर मुल्कों में भी मांग

उन्नाव के हसनगंज के हुश्नआरा और दशहरी की धमक मलेशिया से सिंगापुर तक है

Special News: मलेशिया से सिंगापुर तक हसनगंज के हुश्नआरा और दशहरी की धमक...गैर प्रांतों के अलावा गैर मुल्कों में भी मांग

उन्नाव, (लोकेंद्र सिंह ‘लकी’)। उन्नाव अंतर्गत तहसील हसनगंज क्षेत्र की आम फल पट्टी के बागानों की दशहरी व हुश्नआरा प्रजाति के आम ने खाड़ी देशों के साथ मलेशिया व सिंगापुर में भी अपने बेहतरीन स्वाद के बदौलत खासी धमक बना रखी है। 

इसके अलावा चौसा, लंगड़ा, लखनउवा व रामकेला की भी अपनी अलग पहचान है। चूंकि क्षेत्र के अधिकांश किसानों (भूस्वामियों) की आजीविका आम बागानों से ही चलती है। इसलिए प्रगतिशील बाग मालिक लगातार प्रयोग कर डिमांड के लिहाज से बाग तैयार कराते हैं। इसका उन्हें लाभ भी मिलता है। 

बता दें कि क्षेत्र की फल पट्टी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले भूस्वामियों के साथ भूमिहीन ग्रामीण भी आम उपज से ही अपनी तमाम जरूरतें पूरी करते हैं। फिलहाल बागानों में आई बौर (फूल) की खुशबू पूरे क्षेत्र को अपनी भीनी-भीनी महक से सुवासित किए है।

हालांकि, शुरुआत में आने वाली बौर के बाद फल को तैयार कर बाजार पहुंचाने के लिए बागान मालिकों सहित कारोबारियों को कीट से बचाव के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। कई बार प्रकृति पर बस न चलने से तेज हवाएं जहां बौर को नुकसान पहुंचाती हैं। वहीं आंधी में तैयार फल भी टूटकर गिर जाते हैं। जिससे बाग मालिकों व व्यापारी को खासा नुकसान भी होता है।

मशहूर हैं आम की यह किस्में 

क्षेत्र के अधिकांश भू-भाग पर तैयार आम बागानों में दशहरी, चौसा, लंगड़ा, लखनउवा, रामकेला, फजली, हुश्नआरा आदि प्रजातियों के कलमी के साथ देशी आम की भी विभिन्न प्रजातियों की भारी मात्रा में पैदावार होती है। कलमी आम में दशहरी, चौसा व लंगड़ा जैसी किस्में देश-विदेश में काफी मशहूर हैं। वहीं, अन्य प्रजातियों की अपेक्षा इनके फलों की कीमत भी अपेक्षाकृत अधिक होती है।

देश के इन राज्यों को होती है आपूर्ति 

बागान मालिकों की सुविधा के लिए क्षेत्र के फरहदपुर व मियागंज में बड़ी मंडियां बनाई गई हैं। जहां विभिन्न राज्यों के व्यापारी आम की फसल खरीदने पहुंचते हैं। इससे मंडियों से आम की उपज यूपी ही नहीं दिल्ली, पंजाब, तमिलनाडु, मुंबई, गुजरात, बिहार व पश्चिम बंगाल आदि राज्यों व शहरों में बिक्री को भेजा जाता है।

विदेशों में भी निर्यात होता है आम 

देश भर के दर्जनों राज्यों के अलावा हसनगंज का आम कुवैत, सऊदी अरब जैसे खाड़ी देशों समेत सिंगापुर व मलेशिया आदि देशों में भी काफी पसंद किया जाता है। इन देशों में यहां की मंडियों से बड़ी मात्रा में आम का निर्यात किया जाता है।

कृषि विज्ञान केंद्र धौरा के प्लांट पैथलॉजिस्ट डा. जय कुमार के अनुसार इस बार आम के पेड़ों में बौर काफी मात्रा में आया है। अगर यह बौर आंधी-तूफान व कीट आदि से बच गया तो इस बार आम की फसल बहुत बड़ी मात्रा में हो सकती है। अभी तक तो आम की पैदावार बड़ी मात्रा में होने की उम्मीद है।-  डा. जय कुमार। 

बोले व्यापारी… 

समदपुर भावा निवासी आम व्यापारी शिवबालक ने कहा कि ब्याज पर रुपये लेकर करीब 20 बीघा आम के बाग खरीदे हैं। इस बार बौर अच्छा आया है और मुनाफा होने की उम्मीद भी है। हालांकि, मौसम व कीट के प्रकोप के कारण नुकसान का भी अनुमान है।- शिवबालक। 

कोरो कल्याण निवासी आम बाग मालिक सत्येन्द्र सिंह ने कहा कि इस बार आम की फसल काफी अच्छी होने का अनुमान है। अगर बौर के हिसाब से फसल होती है तो जमकर फल होगा और अच्छा मुनाफा होगा। बस मंडी में फसल के दाम अच्छे मिल जाएं।-  सत्येंद्र सिंह। 

ये भी पढ़ें- Unnao News: शीतलाष्टमी पर मंदिरों में महिलाओं ने की पूजा अर्चना...सुबह से ही मंदिरों में महिलाओं की भीड़