Banda: सूचना के अधिकार का माखौल उड़ा रहे अफसर; एक ही बिंदु की अलग-अलग मिली सूचनाएं, गबन का आरोप

पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ने की भ्रष्टाचारी अफसरों पर कार्रवाई की मांग

Banda: सूचना के अधिकार का माखौल उड़ा रहे अफसर; एक ही बिंदु की अलग-अलग मिली सूचनाएं, गबन का आरोप

बांदा, अमृत विचार। भारत सरकार जहां सूचना का अधिकार अधिनियम लागू करके आम जनता तक सरकारी तंत्र से संबंधित सूचनाएं पहुंचाने की राह प्रशस्त करने का प्रयास कर रही है, वहीं अफसरों की मनमानी के चलते इस अधिनियम का खुलेआम माखौल बनाया जा रहा है। 

आलम यह है कि एक ही बिंदु को लेकर मांगी सूचनाओं में अलग-अलग जानकारी दी गई है, जिस पर सूचना मांगने वाले पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ने अफसरों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं और जांच कर कार्रवाई करने की मांग बुलंद की है।

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मामला लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड से मिली अलग-अलग सूचनाओं का है। पं. जेएन डिग्री कालेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सुशील त्रिवेदी ने 8 मई 2023 को जुलाई 2022 से लेकर अप्रैल 2023 तक विभागीय वाहनों में खर्च किए गए डीजल के भुगतान के संबंध में जन सूचना मांगी थी। 

जिस पर काफी जद्दोजहद के बाद तत्कालीन अधिशाषी अभियंता राजाराम मथुरिया ने अपेक्षित समय अवधि में विभागीय वाहनों में ईधन के रूप में 16 लाख 98 हजार 402 रुपए धनराशि का खर्च होना बताया था। जबकि अन्य अधिशाषी अभियंता रूपेश कुमार सोनकर ने 14 दिसंबर 2023 को इसी बिंदु की सूचना पर 10 लाख 57 हजार 760 रुपए का व्यय दर्शाया है। उधर विभागीय लॉगबुक में वाहनों के ईधन का खर्च महज चार लाख 21 हजार 875 रुपए ही हुआ है।

पूर्व अध्यक्ष त्रिवेदी का कहना है लॉगबुक और दो अलग-अलग मिली सूचनाओं में लाखों की धनराशि का अंतर देखा जा सकता है। कहा है कि तत्कालीन अधिशाषी अभियंता द्वारा तथ्यों को छिपा कर गलत सूचनाएं उपलब्ध कराने और विभागीय वाहनों में डीजल भुगतान के नाम पर लाखों रुपए का गबन करने का मामला प्रतीत होता है। उन्होंने अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाते हुए दोषी अधिकारियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग बुलंद की है।

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