सोमवती आमावस्या: सुहागिनों ने मांगा अखंड सौभाग्य का आर्शीवाद

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Published By Jagat Mishra
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रामसनेहीघाट/ बाराबंकी, अमृत विचार। तहसील रामसनेहीघाट क्षेत्र अंतर्गत गांवों और कस्बों में सोमवार को सोमवती अमावस्या पर महिलाओं द्वारा पीपल वृक्ष की पूजा व परिक्रमा कर पति के दीर्घायु होने की कामना की।

सोमवती अमावस्या पर पीपल वृक्ष की पूजा करने के लिए महिलाओं ने स्नान करने के बाद अपने-अपने घरों में विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए और पूजन सामग्री लेकर घरों के पास स्थित पीपल के वृक्षों पर गई और महिलाओं ने विधि विधान से पीपल के वृक्ष की पूजा कर परिक्रमा लगाते हुए पतियों के लंबी उम्र की कामना किया। 

ममता साहू ने बताया कि किवदंती है कि एक कन्या का विवाह नहीं हो रहा था, तब उसके अभिभावकों को बताया कि यदि अन्य महिला अपना सुहाग कन्या को दे तो उसका विवाह हो सकता है। अभिभावकों के अनुरोध व कन्या की सेवा पर जब सोना नाम की महिला ने कन्या को अपना सुहाग दिया तो महिला के पति की मौत हो गई। महिला जब कन्या के घर से वापस लौट रही थी, तब उसने पीपल के वृक्ष की पूजा कर परिक्रमा की तो उसका पति पुन: जीवित हो गया, तभी से सोमवती अमावस्या की कथा प्रचलित हो गई है। सोमवती अमावस्या पर व्रत रखकर पीपल वृक्ष की पूजा व परिक्रमा करने वाली महिलाओं ने पूरे दिन तेल का स्पर्श नहीं किया।

पीपल की पूजा कर की कामना  
तहसील रामनगर के कस्बा व गाँव में विवाहित महिलाएं पति की दीर्घायु की कामना व घर में सुख-समृद्धि के लिए पीपल के वृक्ष की विधि पूर्वक पूजा अर्चना की। यूनियन इंटर के पास मंदिर पर सुबह से ही महिलाओं की भीड़ जुट गयी। पीपल के वृक्ष की पूजा अर्चना कर अटल सुहाग की कामना करती रही। सोमवती अमावस्या पर विवाहित महिलाओं ने व्रत रहकर पीपल के वृक्ष की दूध, जल, फूल आदि से पूजा करने के साथ ही वृक्ष के चारों ओर 108 बार धागा लपेट कर परिक्रमा करते हुए पति के लम्बी उम्र की कामना की, और एक दूसरे के मांग में सिंदूर लगाकर अखंड सौभाग्य की दुआ मांगी।

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