हल्द्वानी: 6 साल तक व्हीलचेयर बनी सहारा, मदद मिलने के बजाय लगी चुनावी ड्यूटी

हल्द्वानी: 6 साल तक व्हीलचेयर बनी सहारा, मदद मिलने के बजाय लगी चुनावी ड्यूटी

हल्द्वानी, अमृत विचार।  6 साल तक व्हीलचेयर ही घनश्याम का सहारा बनी। जब स्वास्थ्य में सुधार और डॉक्टर ने स्वस्थ घोषित कर फिटनेस सर्टिफिकेट भी दे दिया लेकिन विभाग ने उसे ज्वाइनिंग नहीं दी। अब चुनावी ड्यूटी का आदेश देखकर 68 वर्षीय माता खष्टी देवी परेशान और निराश हैं।

उनका कहना है कि जब उन्हें जरूरत थी तब विभाग ने उनकी नहीं सुनी लेकिन अब चुनाव में ड्यूटी लगाई गई है। वह सोमवार को निर्वाचन कार्यालय में अपने बेटे की ड्यूटी हटवाने के लिए अधिकारियों से मिलने की गुहार लगाते हुए इधर-उधर भटकती रही। हम बात कर रहे हैं जगतपुर, गौलापार निवासी होमगार्ड के सिपाही घनश्याम चंद की। घनश्याम 2005 से होमगार्ड में सिपाही के पद पर तैनात हैं।

2016 में घनश्याम सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से चोटिल हो गए और उनके शरीर के निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया जिससे  व्हीलचेयर पर बैठे रहना उनकी मजबूरी बन गई। इस दौरान विभाग की ओर से उनको सहायता देने के बजाय ड्यूटी में नहीं आने पर लगातार कारण बताओ नोटिस जारी किये गए और हर बार स्पष्टीकरण में घनश्याम ने अपने स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में बताया और ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए 6 माह का समय देने की मांग की।

इसके बाद स्वास्थ्य में सुधार होने पर 2022 में घनश्याम ने जिला कमांडेंट, होमगार्ड्स को ड्यूटी करने की स्थिति में होने और कर्जे में डूबने का हवाला देते हुए नजदीकी स्थान में ड्यूटी लगाने का अनुरोध किया। तब विभाग ने घनश्याम को ज्वाइनिंग नहीं दी लेकिन अब चुनाव में ड्यूटी लगाने के लिए जारी किए गए आदेश में उन्हें 14 अप्रैल से चुनाव में ड्यूटी करने व सुबह 8 बजे प्लाटून कमांडर को रिपोर्ट करने के निर्देश दिए हैं।

 निर्वाचन कार्यालय के बाहर काफी देर तक उनकी माता परेशान रही।  काफी देर परेशान होने के बाद वह नोडल अधिकारी एमसीएमसी अपर जिलाधिकारी फिंचा राम चौहान से मिली जिस पर उन्होंने महिला को कमांडेंट से बात करने और ड्यूटी नहीं लगाए जाने का आश्वासन दिया।