बलिया से भाजपा उम्मीदवार नीरज शेखर का बड़ा बयान, कहा- मैं आज भी समाजवादी विचारधारा से जुड़ा हूं

बलिया से भाजपा उम्मीदवार नीरज शेखर का बड़ा बयान, कहा- मैं आज भी समाजवादी विचारधारा से जुड़ा हूं

बलिया। पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर के पुत्र और बलिया लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार नीरज शेखर ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह आज भी समाजवादी विचारधारा से जुड़े हैं। उन्होंने समाजवादी विचारधारा छोड़ने के लिए समाजवादी पार्टी की आलोचना भी की। शेखर ने फोन पर कहा, “समाजवादी विचारधारा को समाजवादी पार्टी से नहीं जोड़ना चाहिए। मैं अब भी व्यक्तिगत तौर पर समाजवादी विचारधारा से जुड़ा हूं।” 

शेखर का यह बयान इस मायने में महत्वपूर्ण है कि उनके पिता चन्द्रशेखर समाजवादी विचारधारा के समर्थक थे और भाजपा की खुलकर आलोचना करते थे। चन्द्रशेखर का पूरा परिवार इस समय भाजपा में है। उनके बड़े बेटे पंकज शेखर के साथ ही छोटे बेटे नीरज शेखर तो भाजपा में हैं ही, पौत्र रविशंकर सिंह (पप्पू) भाजपा से विधान परिषद सदस्य हैं। नीरज शेखर ने कहा कि समाजवादी विचारधारा को लेकर गलत धारणा बनाई जा रही है। 

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी, समाजवादी विचारधारा से जुड़े होने का दावा करती है, लेकिन सपा ने समाजवादी विचारधारा को तिलांजलि दे दी है। डाक्टर राम मनोहर लोहिया ने जाति तोड़ने का नारा बुलंद किया था, वहीं सपा आज जातीय जनगणना का परचम लहरा रही है।’’ 

नीरज शेखर ने टिकट मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वह उनके लिए काला दिन था जब 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। बलिया चन्द्रशेखर के परिवार की परंपरागत सीट रही है। 1977 से चन्द्रशेखर और उनके निधन के बाद नीरज बलिया संसदीय सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि अपने राजनैतिक जीवन में पूरी कोशिश की है कि वह कोई ऐसा कार्य नहीं करेंगे, जिससे चन्द्रशेखर के नाम के ऊपर आंच आए। बलिया लोकसभा क्षेत्र से टिकट को लेकर अटकलों को विराम देते हुए भाजपा ने बुधवार को नीरज शेखर को यहां से अपना उम्मीदवार घोषित किया। भाजपा ने बलिया से मौजूदा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त को टिकट नहीं दिया है। 

जिले के इब्राहिमपट्टी गांव में 10 नवंबर 1968 को जन्मे नीरज शेखर ने चन्द्रशेखर के निधन के बाद राजनीति में पदार्पण किया और 2007 में हुए उपचुनाव में सपा के टिकट पर पहली बार चुनाव मैदान में उतरे और लोकसभा का चुनाव जीते। वर्ष 2009 के चुनाव में भी नीरज शेखर सपा से विजयी हुए थे। हालांकि 2014 के चुनाव में वह भाजपा के भरत सिंह से पराजित हो गए थे। नीरज शेखर इसके बाद 2014 में ही समाजवादी पार्टी के टिकट पर राज्यसभा के लिए चुने गये।

सपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में नीरज शेखर को झटका देते हुए सनातन पांडेय को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। नीरज शेखर इसके बाद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये थे और भाजपा से राज्यसभा के लिए चुन लिए गये। नीरज शेखर भाजपा के टिकट पर पहली बार लोकसभा का चुनाव लडेंगे। इस सीट पर सपा और बसपा ने अभी तक अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं। 

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