Kanpur: जाजमऊ टेनरी क्लस्टर के लिए बने सीईटीपी का नहीं शुरू हो सका संचालन; यह वजह बनी रूकावट का कारण

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Published By Deepak Shukla
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350 टेनरियों से अशोधित उत्प्रवाह को किया जाना है ट्रीट, ट्रायल हो चुका पूरा

कानपुर, अमृत विचार। जाजमऊ टेनरी क्लस्टर के लिए बने 20 एमएलडी क्षमता के कॉमन इंफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) हस्तांतरित न होने की वजह से नहीं चल पा रहा है। प्लांट की टेस्टिंग सफलता पूर्वक हो चुकी है। जलनिगम से टेनरी से इंफ्लूएंट (अशोधित उत्प्रवाह) लेने की परमीशन भी मिल गई है। 

लेकिन, प्लांट कंपनी को हस्तांतरित न हो पाने की स्थिति में संचालन नहीं हो रहा है। अधिकारियों के अनुसार प्लांट पूरी क्षमता से चले तो 350 और टेनरियों से मिलने वाले अशोधित उत्प्रवाह ट्रीट किया जा सकेगा। जिसके बाद पानी का उपयोग फूलों की खेती में होगा।

कॉमन इंफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) को 454 करोड़ रुपये से बनाया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों को अयोध्या से जाजमऊ सीईटीपी समेत दो अन्य एसटीपी की बटन दबाकर शुरुआत की थी। केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत स्थापित सीईटीपी जाजमऊ टेनरी एफ्लुयेंट ट्रीटमेंट एसोशिएसन (जटेटा) की देखरेख में बना है। 

इस सीईटीपी में 200 केएलडी का पायलट जेडएलडी यूनिट (जीरो लिक्विड डिस्चार्ज) का भी निर्माण किया गया है, जिसमें बिना कोई लिक्विड डिस्चार्ज से पानी को ट्रीट करने के साथ ही पूरी टेक्नोलॉजी की स्टडी की जा सकेगी। इसके साथ ही 900 केएलडी का सीसीआरयू (कॉमन क्रोम रिकवर यूनिट) अलग से स्थापित किया गया है। इससे टेनरियों से निकलने वाले क्रोम को अलग किया जा सकेगा। 

प्लांट में सीसीआरयू पहले से शुरू हो गया है। पीएम के लोकार्पण के बाद 10 एमएलडी की क्षमता से प्लांट शुरू किया गया था। जिससे  200 टेनरियों से निकलने वाले करीब 8 एमएलडी पानी को ट्रीट किया जा रहा था। प्लांट के बाकी 10 एमएलडी प्लांट की भी टेस्टिंग हो गई है। प्लांट से जुड़ी कंपनी फ्रैश वॉटर को टेस्ट किया है। अधिकारियों के अनुसार यदि प्लांट को कंपनी को नियमानुसार हस्तांतरित कर दिया जाये तो बड़ी मात्रा में टेनरियों का अशोधित पानी ट्रीट किया जा सकेगा।

डीएम के नेतृत्व में होगा फैसला

जाजमऊ टेनरी इंफ्लूएंट ट्रीटमेंट एसोशिएसन (जटेटा) से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि डीएम की अध्यक्षता में जलनिगम, कार्यदायी संस्था वाबाग, चेन्नई और जटेटा के साथ बैठक होनी है। जिसमें प्लांट के हस्तांतरण की कार्रवाई होगी। 

अप्रैल तक पूरी क्षमता से चलाने की थी तैयारी

सीईटीपी को अप्रैल 2024 से पूरी क्षमता यानि 20 एमएलडी से चलाने की तैयारी थी। कार्यदायी संस्था वाबाग, चेन्नई इस प्लांट को संचालित करेगा। कंपनी के साथ 5 साल प्लांट को चलाने के लिये करार हुआ है। प्लांट के अधिकारियों के अनुसार प्लांट से ट्रीटेड सीवेज को डॉयल्यूशन कर हार्टिकल्चर (फूलों की खेती) के लिये दिया जाना है। लेकिन, एनएसआई ने प्रोजेक्ट पर काम करने से मना किया है। सीएसए के एग्रीकल्चर विभाग से मदद के लिये प्लांट के अधिकारियों से बातचीत चल रही है।

एक नजर में प्रोजेक्ट

-454 करोड़ की लागत का सीईटीपी
-20 एमएलडी क्षमता का प्लांट
-200 करोड़ की लागत से लगा आरओ प्लांट
-2 फेज में पूरा हुआ सीईटीपी का कार्य

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