मिशन पहचान ने बदली बाराबंकी के माध्यमिक स्कूलों की तस्वीर, छात्रा ननकी कौर ने बनाई टॉप टेन में जगह

बढ़ा सरकारी स्कूलों का उत्तीर्ण प्रतिशत, बच्चों का हो रहा चौमुखी विकास

मिशन पहचान ने बदली बाराबंकी के माध्यमिक स्कूलों की तस्वीर, छात्रा ननकी कौर ने बनाई टॉप टेन में जगह

बाराबंकी, अमृत विचार। राजकीय इंटर कॉलेज सूरतगंज की छात्रा ननकी कौर ने न सिर्फ इंटरमीडिएट की जिला टॉप टेन सूची में स्थान हासिल किया, बल्कि जनपद में चल रहे नवाचार मिशन पहचान को भी सार्थक साबित कर दिखाया। क्योंकि करीब दस सालों बाद यह मौका आया जब माध्यमिक शिक्षा परिषद के किसी सरकारी विद्यालय की छात्रा ने यह कमाल किया हो। बोर्ड परीक्षा परिणाम में जनपद के सरकारी स्कूलों के बच्चों का उत्तीर्ण प्रतिशत भी इस साल बढ़ा। जिसे भी मिशन पहचान का ही असर माना जा रहा है। वहीं इस उपल्ब्धि से जिला विद्यालय निरीक्षक ओपी त्रिपाठी समेत सभी सरकारी स्कूलों में खुशी का माहौल है। डीआईओएस ने छात्रा का उत्साहवर्धन करने के लिये सोमवार को उसे अपने कार्यालय में सम्मानित किया और आगे की पढ़ाई के लिये शुभकामनाएं दीं। इस दौरान जीआईसी सूरतगंज के प्रधानाचार्य अरविंद सिंह और छात्रा के पिता गुरप्रीत सिंह भी मौजूद रहे। 

इस मौके पर डीआईओएस ओपी त्रिपाठी ने कहा कि मिशन पहचान के माध्यम से बच्चों के आत्मविश्वास और ज्ञान में वृद्धि करने की कोशिश की गई। इसी का नतीजा रहा कि इंटरमीडिएट के परिणाम की जिला टॉप टेन सूची में राजकीय इंटर कॉलेज सूरतगंज की छात्रा ननकी कौर ने 95.20 फीसदी अंक हासिल करके इतिहास रचा। करीब दस साल से जिले के किसी भी सरकारी स्कूल का बच्चा टॉप टेन में जगह बनाने में सफल नहीं हो सका था। ऐसे में इस बार के परीक्षा परिणाण से लोगों का वह मिथक भी टूटा कि सरकारी स्कूल किसी भी मामले में प्राइवेट से कम हैं।

ननकी के पिता गुरप्रीत सिंह ने कहा कि वह साधारण किसान हैं, लेकिन आज अपनी बेटी की वजह से उन्हें भी सम्मान मिल रहा है। प्राइवेट स्कूलों में ज्यादा फीस खर्च करके ही आपका बच्चा पढ़ेगा, यह कोई जरूरी नहीं है। छात्रा ननकी के मुताबिक उसने स्कूल में शिक्षकों की मदद ली और खुद से भी मेहनत की। नवाचार मिशन पहचान से उसको काफी प्रेरणा मिली। पढ़ाई से संबंधित जो भी संदेह रहता था वह मिशन पहचान के माध्यम से दूर होता गया। पहले जिले में ऐसी कोई पहल नहीं हुई। इसी पहल के चलते मेरा परिणाम इतना अच्छा आ सका। राजकीय इंटर कॉलेज सूरतगंज के प्रधानाचार्य अरविंद सिंह ने बताया कि मिशन पहचान से सरकारी स्कूल के बच्चों की परीक्षा को लेकर झिझक दूर हुई। उसी का नतीजा रहा कि बच्ची ने जिले के टॉप टेन सूची में नौवां स्थान हासिल किया।

बच्चों का हो रहा चौमुखी विकास
डीआईओएस ओपी त्रिपाठी द्वारा शुरू किये गए नवाचार मिशन पहचान के तहत सरकारी और एडेड माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों को शिक्षित करने के साथ-साथ उनका चौमुखी विकास भी किया गया। बोर्ड परीक्षा में टॉपर बनाने के लिए 10वीं और 12वीं के बच्चों की एक्स्ट्रा क्लास में तैयारी कराई गई। इसी का नतीजा रहा कि करीब एक दशक बाद जिले के किसी सरकार स्कूल का बच्चा मेरिट लिस्ट में अपना स्थान बना सका। ऐसे में अब एक उम्मीद जगी है कि छात्रा की सफलता से प्रभावित होकर इन्हीं सरकारी स्कूल के बच्चे अगले साल के रिजल्ट में और बेहतर प्रदर्शन करेंगे। बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में भी अपने जिले सहित प्रदेश का नाम रोशन कर सकें, इसके लिए भी उन्हें मिशन पहचान के तहत तैयार किया जा रहा है।

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