पीलीभीत: वार्ड नंबर 16 का हाल...घनी आबादी में नर्क जैसे हालात, नालियां चोक...मंदिरों के बाहर जलभराव, नहीं हो रही सुनवाई

पीलीभीत: वार्ड नंबर 16 का हाल...घनी आबादी में नर्क जैसे हालात, नालियां चोक...मंदिरों के बाहर जलभराव, नहीं हो रही सुनवाई

पीलीभीत,अमृत विचार। एक तरफ संचारी रोग नियंत्रण अभियान को लेकर प्रशासन शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक साफ सफाई कराकर नियमित फॉगिंग कराने का दावा कर रहा है। नगर पालिका और नगर पंचायतों के अधिकारियों-कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। वहीं, धरातल की हकीकत बदइंतजामी का आइना दिखा रही है। ग्रामीण अंचलों को छोड़िए शहरी इलाके गंदगी से बजबजा रहे हैं। आलम ये है कि धार्मिक स्थलों के नजदीक गलियों में कीचड़ और जलभराव है। संक्रामक बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है, लेकिन जिम्मेदार कोई सुधि नहीं ले रहे हैं। स्थानीय नागरिक अपनी पीड़ा बयां करते-करते थक गए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी है।

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संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए एक अप्रैल से संचारी रोग नियंत्रण अभियान शुरू हो चुका है। चुनावी माहौल के बीच जनप्रतिनिधि एक तरफ जनता की सहूलियत को कराए गए कामों का ढिंढोरा पीटते रहे। मगर कहीं न कहीं चुनाव प्रचार में इतना व्यस्त हो गए कि अपनी ही जिम्मेदारी भूल गए। इसकी बानगी शहर के वार्ड नंबर 16 मोहल्ला  सुनगढ़ी की गलियों में दिखाई दे रही है।  500 मीटर के दायरे में कई गलियों में एक माह होने को आया है, सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है।  ये हाल तब है, जब इस दायरे में तीन मंदिर, एक स्कूल और घनी आबादी का इलाका है।  

नालियां चोक पड़ी है। गलियों में घरों और मंदिर के आगे कीचड़ के बीच गंदा पानी भरा हुआ है।  लोगों का घरों से निकलना दूभर हो चुका है। सफाई करने के लिए कर्मचारी ही नहीं पहुंच रहे हैं।  कूड़ा उठाने वाली गाड़ी लेकर कर्मचारी पहुंचते भी हैं तो गली के बाहर खड़े हो जाते हैं।  इसके बाद गंदे पानी से होते हुए लोग खुद ही गाड़ी तक कूड़ा फेंकने के लिए जाते हैं। करीब दो हजार की आबादी इस बदइंतजामी का दंश झेलने को मजबूर है।

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पनप रहे मच्छरों के झुंड, दवा छिड़काव कागजों में
गलियों में फैली गंदगी के चलते मच्छरों की भरमार है।  कोई सफाई करने वाला ही नहीं पहुंचता तो दवा छिड़काव की तो बात ही छोड़िए। स्थानीय लोगों की मानें तो घरों से कामकाज के लिए निकलना भी मुश्किल हो चुका है। लाइट भी ठीक से जलती नहीं है। ऐसे में रात के वक्त तो गलियों से गुजरना और मुश्किल हो जाता है। घरो के भीतर तक गंदे पानी की दुर्गंध आती है। ऐसा ही रहा तो बीमारियां पैर पसार लेंगी।

खंभे में उतरा करंट तो बंधवा दी पन्नी और हो गया सुधार
स्थानीय लोगों का कहना है कि सकरी गलियों में बिजली के खंभे लगे हैं। जलभराव होने से अभी कुछ दिन पहले ही एक पोल में करंट उतर आया था। एक जानवर करंट की चपेट में आ गया। जिसे मोहल्ले के लोगों ने जैसे-तैसे बचाया। बच्चों को कम ही घर से निकालते हैं, कि कहीं कोई हादसा न हो जाए। इसकी शिकायत के बाद भी इतना ही इंतजाम हुआ कि खंभे पर पॉलिथीन लगवा दी गई। हर कोई जिम्मेदारी से बचता दिख रहा है।

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 नवरात्र पर भी नहीं सुधरे हालात, मंदिर तक जाना दूभर
अभी नवरात्र का पर्व बीता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मोहल्ले के तीनों मंदिरों पर पूजा पाठ के लिए लोग जाया करते थे। मगर इस बार तो गंदगी के चलते मंदिर तक पहुंचने में भी तमाम दिक्कत हुई है। धार्मिक स्थल के पास तो कम से कम साफ सफाई कराई जानी चाहिए थी, लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं दिया। ऐसा भी नहीं कि समस्या किसी को पता नहीं। जिम्मेदार कई बार इस ओर से गुजरते हैं, लेकिन अनदेखा कर चले जाते हैं।

ईओ और चेयरमैन को बता चुके: सभासद
आठ दिन पहले नाला निर्माण को लेकर खुदाई होने पर पानी निकास बंद किया गया था।  मगर अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है। ईओ को तीन बार कॉल कर चुके हैं। चेयरमैन से भी शिकायत की गई है। वार्ड वासियों की दिक्कत का समाधान कराने को प्रयास कर रहे हैं - शैलेंद्र कौर, सभासद  वार्ड नंबर 16।

जेई को भेजकर कराएंगे पता: ईओ
सभासद से इस संबंध में शिकायत मिली है। जेई को मौके पर भेजकर जानकारी कराई जाएगी। ये भी पता लगाया जाएगा कि आखिर अभी तक निर्माण कार्य शुरू क्यों नहीं हो सका है। इसे गंभीरता से दिखवाएंगे - लाल चंद भारती,  ईओ नगर पालिका पीलीभीत।

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