हाई कोर्ट ने धनंजय सिंह को दी जमानत, सजा पर नहीं लगाई रोक 

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Published By Jagat Mishra
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प्रयागराज/लखनऊ, अमृत विचार। पूर्व सांसद धनंजय सिंह को हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है, लेकिन एमपीएमएलए कोर्ट से मिली सजा पर कोई रोक नहीं लगाई है। जिसके चलते वो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

इलाहबाद हाई कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है। फैसला गुरुवार को सुरक्षित कर लिया गया था। बताते चलें कि जौनपुर की एमपीएमएलए कोर्ट ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट मैनेजर अपहरण केस में धनंजय सिंह व एक अन्य को सात साल की सजा सुनाई है। इस फैसले के खिलाफ दायर आपराधिक पुनरीक्षण अपील में सजा निरस्त करने की मांग की गई थी।

जौनपुर की एमपी-एमएलए अदालत ने नमामि गंगे परियोजना के प्रबंधक अभिनव सिंघल के अपहरण एवं फिरौती मांगने के 2020 के मामले में धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम सिंह को छह मार्च 2024 को सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम सिंह ने जौनपुर की अदालत के फैसले को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने 24 अप्रैल को निर्णय सुरक्षित रख लिया था। धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम सिंह के खिलाफ जौनपुर के लाइन बाजार पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 364 (अपहरण), 386 (फिरौती), 506 (आपराधिक धमकी) और 120बी (षड़यंत्र) में मामला दर्ज किया गया था।

धनंजय सिंह ने जौनपुर स्पेशल कोर्ट से मिली 7 साल की सजा को चुनौती देते हुए एक याचिका हाई कोर्ट में दी थी। अपनी याचिका में पूर्व सांसद ने कोर्ट से सजा का फैसला रोकने और अंतिम फैसला आने तक खुद को जमानत पर रिहा करने की अपील की थी। गौरतलब है कि धनंजय सिंह के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी श्रीकला जौनपुर लोकसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। 

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