बरेली: तीन तलाक से पीड़ित वृंदावन की रुबीना बनी प्रीति, दो बच्चों को छोड़कर 8 साल छोटे प्रेमी से रचाई शादी
बरेली,अमृत विचार। मथुरा की तीन तलाक पीड़िता रुबीना हलाला की डर से धर्म परिवर्तन कर प्रीति बन गई। उसने बदायूं निवासी प्रमोद के साथ शादी कर ली। पं. केके शंखधार ने अगस्त्य मुनि आश्रम में शादी संपन्न कराई। रुबीना की सोशल मीडिया के माध्यम से प्रमोद से जान पहचान हुई थी।
मथुरा में वृंदावन बांगर काशीराम कॉलोनी की रहने वाली रुबीना ने बताया कि उसने अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन किया है। उसने हिंदू सनातन धर्म अपना लिया है। बताया कि बदायूं के गभिया सहराई तहसील निवासी प्रेमी प्रमोद कुमार के लिए अपने दो बच्चों को त्याग दिया है। उसका एक बेटा छह, जबकि, दूसरा बेटा तीन वर्ष का है।
आगे बताया कि प्रमोद का फोन मिस कॉल के रूप में आया था। उन्होंने उस नंबर पर कॉल की। उनके बीच बातचीत शुरू हो गई। दोनों इंस्टाग्राम पर भी एक दूसरे से बातें कर करते रहे। दोस्ती प्यार में बदल गई। रुबीना ने खुद से आठ साल छोटे प्रेमी प्रमोद कश्यप के साथ रहने का फैसला लिया। तीन तलाक के बाद रुबीना ने धर्म परिवर्तन कर प्रीति नाम रखा लिया। पं. केके शंखधार ने रुबीना का शुद्धिकरण कराया। बुधवार को दोनों का विवाह कराया।
हलाला और तीन तलाक ने धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया
रुबीना उर्फ प्रीति ने बताया कि पति ने दोनों बच्चों को अपने पास रखकर उसे तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया। बताया कि तीन तलाक के बाद उस पर हलाला का दबाव बनाया जा रहा था। हलाला का नाम सुनकर उसकी रूह कांप जाती थी। यह बात मैंने मायके वालों को भी बताई।
दरअसल, बदायूं जनपद के रहने वाले प्रेमी प्रमोद और मथुरा-वृंदावन की रहने वाली रुबीना का मिस्ड कॉल के जरिए प्रेम हुआ। तीन तलाक पीडि़त रूबीना और प्रमोद इंस्टाग्राम पर आए और दोनों की दोस्ती प्रेम में बदल गई।
इसके लिए प्रेमिका ने इस्लाम धर्म को त्यागकर हिंदू धर्म अपनाया और हिंदू रीति रिवाजों के साथ शादी कर ली। 8 साल छोटे प्रमोद कश्यप से चैट और वीडियो कॉल पर दोनों ने एक दूसरे को देखा और एक दूसरे के हो गए। दोनों की शादी से पहले पंडित केके शंकधार ने गोमूत्र और गंगाजल छिड़ककर रूबीना का शुद्धिकरण किया। जिसके बाद रूबीना ने अपना धर्म परिवर्तन कर प्रीति नाम रखा लिया।
इससे पहले रामपुर जिले की रहने वाली 19 साल की फराना ने धर्म बदलकर मंगलवार को बरेली में प्रेमी धर्मवीर के साथ शादी कर ली। दोनों की छह महीने पहले चंडीगढ़ में फैक्ट्री में काम करते हुए दोस्ती हुई थी। अगस्त्य मुनि आश्रम में पंडित केके शंखधार ने दोनों का विवाह कराया। शादी के बाद फराना से बनी पल्लवी ने अपने परिवार से जान का खतरा जताया है।
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