काशीपुर: गन्ने की 238 प्रजाति में लाल सड़न रोग की चपेट में

काशीपुर: गन्ने की 238 प्रजाति में लाल सड़न रोग की चपेट में

काशीपुर, अमृत विचार। कभी किसानों के लिए वरदान बनी गन्ने की अर्ली प्रजाति की कोसा 238 अब अभिशाप बन चुकी हैं, जिसके चलते इसकी बुआई को कम करने के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। इसके बावजूद काफी किसानों ने ऐसी प्रजाति का गन्ना बो रखा है, जिसमें अब लाल सड़न (रेड रॉड) रोग लग गया है। इससे किसानों को काफी नुकसान होने की आशंका बनी रहती है।

गन्ने की अर्ली प्रजाति की कोसा 238 की बुआई कभी बड़े पैमाने पर होती थी, लेकिन कुछ सालों से यह प्रजाति लाल सड़न (रेड रॉड) की चपेट में आ गई है। हर साल इस प्रजाति के गन्ने में लाल सड़न रोग लग रहा है, जिससे गन्ना विभाग ने इस प्रजाति की बुआई पर अभी रोक तो नहीं लगाई है, लेकिन किसानों को इस प्रजाति का एरिया कम करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। किसानों को अन्य उपजाऊ नई प्रजातियों के गन्ने की बुआई करने के लिए गन्ना विभाग प्रोत्साहित कर रहा है, लेकिन अब भी कुछ किसान कोसा 238 के गन्ने की बुआई कर रहे हैं।

गन्ना किसान संस्थान के सहायक गन्ना आयुक्त नीलेश कुमार ने बताया कि कोसा 238 प्रजाति में रेड रॉड की बीमारी अधिक लग रही है। जिससे गन्ना सूख कर सड़ जाता है और इसका पैदावार पर प्रभाव पड़ता है। जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। वही चीनी मिल भी इस गन्ने की प्रजाति को लेने से कतरा है।

उन्होंने बताया कि इस बीमारी के कारण यूपी में इस प्रजाति को बैन कर दिया गया है। उत्तराखंड में अभी बैन नहीं किया गया है। लेकिन किसानों को इस प्रजाति को बोने के बजाए अन्य प्रजातियां जैसे 0118, 15023, 14201 इत्यादि बोने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिससे किसान स्वयं ही इस प्रजाति से दूरी बना ले।