कानपुर के हैलट अस्पताल आने वाले मरीजों के लिए अच्छी खबर...अगले हफ्ते शुरू होगी मेडिसिन इमरजेंसी, सभी ऑटोमेटिक बेड में रिमोट सुविधा

कानपुर के हैलट अस्पताल अगले हफ्ते शुरू होगी मेडिसिन इमरजेंसी

कानपुर के हैलट अस्पताल आने वाले मरीजों के लिए अच्छी खबर...अगले हफ्ते शुरू होगी मेडिसिन इमरजेंसी, सभी ऑटोमेटिक बेड में रिमोट सुविधा

कानपुर, अमृत विचार। हैलट अस्पताल की इमरजेंसी के सामने वार्ड नंबर एक में मेडिसिन इमरजेंसी बनाई गई है, जहां पर मरीजों को ऑटोमेटिक बेड की सुविधा मिलेगी। यह इमरजेंसी 30 बेड की है। इसकी खासियत यह है कि यहां के सभी बेड में दो-दो रिमोट लगे हैं, जिसके जरिए तीमारदार बेड को मरीज की सुविधा के अनुसार सेट कर सकते हैं। इसका लाभ वायरल बुखार, डायरिया, हीटस्ट्रोक व निमोनिया आदि के मरीजों को मिलेगा।

हैलट अस्पताल में कानपुर के साथ ही करीब 17 जिलों के मरीज इलाज के लिए आते हैं। मरीजों की संख्या अधिक होने पर इमरजेंसी के मेडिसिन, सर्जरी और आर्थो यूनिट में बेड कम पड़ जाते हैं। ऐसे में मरीजों को वार्ड में शिफ्ट करना पड़ता है। वहीं, सबसे अधिक दिक्कत किसी संक्रमण का प्रभाव लोगों में ज्यादा होने पर देखने को मिलता है।

मरीजों को इमरजेंसी में बेड की कमी न हो सके, इसलिए बीते वर्ष जीएसवीएम मेडिकल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला व उप प्राचार्य प्रो.रिचा गिरि ने हैलट अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. आरके सिंह से वार्ता की। 

सर्जरी के वार्ड नंबर एक में इमरजेंसी की मेडिसिन यूनिट बनाने का निर्णय लिया, जिसके बाद वार्ड नंबर एक में मेडिसिन इमरजेंसी कार्य शुरू हुआ। वर्तमान में यह मेडिसिन इमरजेंसी बनकर तैयार हो गई, जिसमें 30 बेड की सुविधा है और सभी बेड पर दो-दो रिमोट लगे हैं।

इस इमरजेंसी में वायरल बुखार, डायरिया, हीट स्ट्रोक, निमोनिया व अन्य संक्रामक बीमारी समेत आदि मेडिसिन से संबंधित सभी मरीजों का इलाज किया जाएगा। इसके साथ ही यहां के छह बेड पर वेंटिलेटर व मल्टी पैरामानीटर भी लगाए गए हैं। मेडिसिन इमरजेंसी चालू होने के बाद हैलट इमरजेंसी से मरीजों का लोड भी कम होगा। 

ज्यादा मरीज होने पर होती अव्यवस्था

हैलट इमरजेंसी में मरीजों की संख्या बढ़ने पर कई बार अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। कई बार एक मरीज का दूसरे मरीज के तीमारदारों और डॉक्टरों का तीमारदारों या कर्मचारियों का तीमारदारों से विवाद तक भी हो जाता है, जिसके बाद दोनों ही पक्ष को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी संख्या अधिक होने पर एक बेड पर दो या तीन मरीजों को भी भर्ती करना पड़ जाता है, जिससे अब निजात मिल सकती है। 

मेडिसिन इमरजेंसी का निर्माण पूरा हो चुका है। इस इमरजेंसी में ऑटोमेटिक बेड लगाए गए हैं। इमरजेंसी का संचालन मई माह के अंत या जून के शुरुआती सप्ताह में किया जाएगा, ताकि गर्मी में अगर मरीजों की संख्या बढ़ती है तो उनको दिक्कत न हो सके।- डॉ.आरके सिंह, प्रमुख अधीक्षक

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