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पीलीभीत: जनता इंटर कॉलेज का हाल...प्रधानाचार्य न प्रवक्ता, चौपट हो रहा बच्चों का भविष्य, सुधार पर नहीं ध्यान
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बरखेड़ा, अमृत विचार। शैक्षिक स्तर को बेहतर बनाने पर शासन-प्रशासन खासा ध्यान दे रहा है। शिक्षा की अलख जगाने के साथ ही स्थानीय स्तर पर मुहैया स्कूल कॉलेजों में पर्याप्त सुविधाएं मुहैया कराई जा सके, इसे लेकर दावे भी किए जाते है। मगर इसके बावजूद अभी भी कई कॉलेजों में स्थिति बेहतर नहीं कही जा सकती। बरखेड़ा के पंडित देवदत्त शर्मा जनता इंटर कॉलेज का हाल भी लंबे समय से बेहाल है। स्टाफ की कमी को पूरा नहीं किया जा सका है। जिसका असर बच्चों की शिक्षा पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है।
कस्बा बरखेड़ा स्थित पंडित देवदत्त शर्मा जनता इंटर कॉलेज में आयोग से वर्ष 2009 में प्रधानाचार्य के पद पर सुरेश चंद्र अग्रवाल की तैनात की गई थी। वह कार्यभार ग्रहण करने के बाद करीब दो साल तक कार्य करते रहे। उसके बाद 2011 में उनका तबादला गैर जनपद हो गया। इसके बाद से इस इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य का पद रिक्त चल रहा है। यानी करीब 13 साल से इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य ही नहीं है। वर्तमान में संस्कृत के प्रवक्ता दयाराम भारती बतौर कार्यवाहक प्रधानाचार्य काम देख रहे हैं।
इसके अलावा इंटर कॉलेज में एलटी ग्रेड के 12 पद स्वीकृत हैं। इसमें से तीन पद रिक्त चल रहे हैं। जिसमें संस्कृत, गणित और सामाजिक विज्ञान विषय के पद हैं। बताते हैं कि एलटी ग्रेड सामाजिक विषय पद पर दीप्ति यादव कार्यरत रही थी। 2019 में उनका तबादला गाजियाबाद हो गया था। संस्कृत के प्रवक्ता प्रहलाद सिंह 2016 में प्रमोशन पर चले गए। गणित विषय के दो पद स्वीकृत हैं। एक पद पर रामकुमार वर्मा थे, जोकि 24 साल पहले तबादला कराकर बीसलपुर चले गए थे।इसके बाद पद रिक्त ही है। बाबू के समस्त तीनों पद भरे हुए हैं। कॉलेज में चार चतुर्थ श्रेणी हैं, जबकि चार पद रिक्त चल रहे हैं।
कक्ष का हाल भी बेहाल, एक तो बेहद जर्जर
इस इंटर कॉलेज में शिक्षण कार्य के लिए 14 कमरे बने हुए हैं। इनमें से एक कक्ष तो काफी जर्जर हो चुका है। वह कब ढह जाए कुछ पता नहीं। हालांकि कार्यवाहक प्रधानाचार्य का कहना है उसकी जर्जर हालत को देखते हुए उसमें शिक्षण कार्य नहीं कराया जाता है। अन्य शेष तेरह कक्ष की हालत भी पूरी तरह से ठीक नहीं। उनमें भी मरम्मत की जरूरत है।
कम होती जा रही विद्यार्थियों की संख्या
इस बार यूपी बोर्ड का कॉलेज का परिणाम कुछ इस तरह रहा। हाईस्कूल में 69 प्रतिशत जबकि इंटरमीडिएट में 64 प्रतिशत रहा। कॉलेज में विद्यार्थियों की संख्या भी लगातार कम होती जा रही है। वर्ष 2021 में संख्या 685 थी। इसके बाद 2022 में 674 रह गए। फिर 2023 में ये संख्या 637 पहुंची और 2024 में 500 पर आकर टिक गई है।
विद्यालय में बच्चों को मुहैया संसाधनों के जरिए बेहतर शिक्षा मुहैया कराने का हर संभव प्रयास रहता है। जो कक्ष जर्जर है, उसमें शैक्षिक कार्य नहीं कराया जा रहा है - दयाराम भारती, कार्यवाहक प्रधानाचार्य/प्रवक्ता
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