गोंडा: हे दु:खभंजन, मारुतनंदन, सुन लो मेरी पुकार..,बुढ़वा मंगल पर भंडारे की धूम, देखें तस्वीरें
गोंडा, अमृत विचार। हे दु:खभंजन, मारुतनंदन, सुन लो मेरी पुकार, पवनसुत विनती बारंबार जैसे भक्ति मय गीतों के साथ मंगलवार को समूचा जिला बजरंग बली की पूजा अर्चना में डूबा रहा। बुढ़वा मंगल के दिन जगह जगह भंडारे का आयोजन किया गया और प्रसाद वितरण हुआ। कलेक्ट्रेट में आयोजित भंडारे में डीएम नेहा शर्मा, एससीपीएम पैरा मेडिकल कालेज में डा ओएन पांडेय व जेल रोड पर आयोजित भंडारे में छात्र संघ के पूर्व मंत्री अमरदीप तिवारी दीपू ने प्रसाद वितरित किया।

ज्येष्ठ माह के पहले बड़े मंगल पर शहर के गांव तक उत्सव का माहौल रहा। धरती के प्रत्यक्ष देवता कहे जाने वाले वीर बजरंग बली की जगह जगह पूजा अर्चना की गयी और भंडारे का आयोजन कर प्रसाद का वितरण किया गया। बुढवा मंगल पर कलेक्ट्रेट परिसर में भंडारे या आयोजन हुआ। यहां डीएम नेहा शर्मा ने लोगों को प्रसाद बांटा। शहर के हारीपुर स्थित एससीपीएम पैरा मेडिकल कालेज में आयोजित भंडारे में चेयरमैन डा ओएन पांडेय ने लोगों को प्रसाद वितरित किया। जेल रोड स्थित चौराहे पर छात्र संघ के पूर्व महामंत्री अमर दीप तिवारी दीपू ने भंडारे का आयोजन किया। सुबह से शुरू हुआ भंडारा दोपहर तीन बजे तक चलता रहा।

हनुमान गढ़ी मंदिर पर मानस मंडली की तरफ से सुंदरकांड पाठ किया और फिर हवन पूजन के बाद भंडारे का आयोजन किया। गोंडा मेडिकल सेंटर की तरफ से आयोजित भंडारे में जिले की प्रख्यात महिला चिकित्सक डा अनीता मिश्रा व समाजसेवी अविनाश सिंह ने प्रसाद वितरित किया। इसके अतिरिक्त रोडवेज बस स्टाप, मारुती चौराहा, अंबेडकर चौराहा, बड़गांव चौराहा समेत शहर में कई जगहों पर भंडारे का आयोजन हुआ।

ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले मंगल का यह है महात्मय
अमृत विचार: वैसे तो हिंदू धर्म में हर मंगलवार का खास महत्व होता है, लेकिन ज्येष्ठ माह में इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। भगवान हनुमान को समर्पित होने की वजह से इस दिन को पूजा अर्चना के लिए बेहद उत्तम माना गया है। अयोध्या के युवा ज्योतिषाचार्य आचार्य अमरनाथ शास्त्री के बताते हैं कि पौराणिक कथा के मुताबिक ज्येष्ठ के महीने में ही त्रेतायुग में भगवान राम की मुलाकात हनुमान जी से हुई थी। इसलिए इस महीने के मंगलवार को बड़ा मंगल कहते हैं।

मान्यता है कि इस महीने के मंगलवार को हनुमत आराधना करने से बड़ा से बड़ा संकट दूर हो जाता है। यही कारण है कि ज्येष्ठ माह में प्रत्येक मंगलवार को भगवान बजरंगी बली के निमित्त भंडारे का आयोजन होता है। भगवान बजरंगबली को धरती का प्रत्यक्ष देवता माना जाता है।
कहा जाता है कि हनुमान जी को माता सीता ने अमर होने का वरदान दिया था और भगवान राम ने अपने साकेत प्रस्थान के समय हनुमान जी को धरती पर रहकर धर्म की रक्षा करने की मदद जिम्मेदारी सौंपी थी। यही कारण हैं कि हनुमान जी आज भी जीवित अवस्था में धरती पर विद्यमान है और संकट में पड़े अपने भक्तों की तत्काल सहायता करते हैं।
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