दिल्ली जल संकट पर आप सरकार झूठ बोल रही, हरियाणा समझौते से अधिक पानी दे रहा : सचदेवा 

दिल्ली जल संकट पर आप सरकार झूठ बोल रही, हरियाणा समझौते से अधिक पानी दे रहा : सचदेवा 

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट के लिए आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने दावा किया कि हरियाणा शहर को यमुना नदी का 1049 क्यूसेक पानी दे रहा है जो जल बंटवारा समझौते से अधिक है। सचदेवा का यह बयान जल संसाधन मंत्री आतिशी के बयान के जवाब में आया है, जिन्होंने भाजपा शासित हरियाणा पर दिल्ली के हिस्से का यमुना जल रोकने का आरोप लगाया है।

आतिशी का दावा है कि हरियाण द्वारा पानी रोकने की वजह से शहर के कई हिस्सों में जल संकट उत्पन्न हो गया है। राष्ट्रीय राजधानी में अभूतपूर्व गर्मी के कारण जल संकट का सामना करना पड़ रहा है और शहर के कुछ हिस्सों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया है। सचदेवा ने आरोप लगाया कि दिल्ली के लोग किसी वास्तविक कारण से नहीं बल्कि केजरीवाल सरकार द्वारा पैदा किए गए कृत्रिम जल संकट के कारण परेशान हैं।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जल मंत्री आतिशी दावा कर रही हैं कि हरियाणा सरकार दिल्ली को पानी नहीं दे रही है, लेकिन वह सच्चाई छिपा रही हैं।’’ सचदेवा ने कहा कि कुछ दिन पहले ही दिल्ली सरकार के बाढ़ नियंत्रण विभाग और जल बोर्ड के अधिकारी हथिनीकुंड बैराज गए थे, जहां हरियाणा सरकार के अधिकारी भी मौजूद थे।

उन्होंने दावा किया, ‘‘जल स्तर मापने के लिए स्थापित प्रणाली की जांच करने के बाद बाढ़ नियंत्रण विभाग और जल बोर्ड के अधिकारी संतुष्ट होकर लौटे, क्योंकि हरियाणा सरकार दिल्ली को वादे से अधिक पानी की आपूर्ति कर रही है।’’ सचदेवा ने कहा कि समझौते के अनुसार, हरियाणा को राष्ट्रीय राजधानी को प्रतिदिन 719 क्यूसेक (घन फुट प्रति सेकंड) पानी उपलब्ध कराना है, लेकिन राज्य इसके बजाय प्रतिदिन 1,049 क्यूसेक पानी उपलब्ध करा रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सवाल यह उठता है कि दिल्ली में जल संकट का कारण क्या है, जबकि उसे तय कोटे से अधिक पानी मिल रहा है। पानी की बर्बादी और चोरी हो रही है और दिल्ली सरकार इस बर्बादी और चोरी को रोकने में पूरी तरह विफल रही है।’’ सचदेवा ने शहर में टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति में भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि इस बीच, दिल्ली में जल संकट इतना गंभीर हो गया है कि उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि विभिन्न क्षेत्रों में लोग खाली बाल्टियां लेकर पानी के टैंकरों की ओर भागते नजर आ रहे हैं, यहां तक ​​कि कुछ लोग तो अपनी बाल्टी भरने के लिए धक्का मुक्की करते नजर आ रहे हैं। दिल्ली सरकार ने कार धोने और निर्माण स्थलों पर पीने योग्य पानी के उपयोग पर प्रतिबंध सहित कई आपातकालीन उपायों की घोषणा की है, वहीं चाणक्यपुरी के संजय कैंप में लोग टैंकरों से पानी भरने के लिए फुटपाथों पर कतार में खड़े नजर आए।

यही स्थिति चाणक्यपुरी के ही विवेकानंद कॉलोनी में देखने को मिली जब लोग पानी भरने के लिए टैंकर पर चढ़ गए। चाणक्यपुरी में जल संकट से गुजर रहे इलाकों में से एक के निवासी दीपक श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हमें पानी चाहिए, नहीं तो हम मर जाएंगे। पहले छह से सात पानी के टैंकर आते थे, लेकिन अब सिर्फ एक ही आता है, जिससे संकट और बढ़ गया है।’’ यही स्थिति दिल्ली के अन्य इलाकों की हैं।

शहादरा जिले के विजय पार्क निवासी 66 वर्षीय मोहम्मद शोएब ने बताया, ‘‘नल में दिन में सिर्फ एक बार सुबह के समय पानी आता है। हम घंटों इंतजार करते हैं, अपनी नींद से खराब करते हैं, लेकिन फिर भी जरूरत के हिसाब से पानी की आपूर्ति नहीं हो रही।’’

आतिशी ने मंगलवार को हरियाणा पर एक मई से दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं देने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि अगर आने वाले दिनों में शहर को यमुना के पानी की आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ तो दिल्ली सरकार उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकती है।

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